इनकम टैक्स की एक अच्छी पहल

राजनीति में पारदर्शिता व शुचिता लाने के लिए चल रहे प्रयासों के बीच यह अच्छी खबर है कि आयकर विभाग ने राजनेताओं के आय-व्यय पर नजर रखने की तैयारी की है. यह पूरी कवायद लोकसभा चुनाव में धन बल के प्रयोग को रोकने की दिशा में है. हाल के दिनों में राजनेताओं की जो छवि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2013 3:54 AM

राजनीति में पारदर्शिता व शुचिता लाने के लिए चल रहे प्रयासों के बीच यह अच्छी खबर है कि आयकर विभाग ने राजनेताओं के आय-व्यय पर नजर रखने की तैयारी की है. यह पूरी कवायद लोकसभा चुनाव में धन बल के प्रयोग को रोकने की दिशा में है. हाल के दिनों में राजनेताओं की जो छवि बनी है, उसमें ऐसी पहल आम लोगों के लिए उम्मीद जगाने वाली है.

इसमें संदेह नहीं कि कुछ राजनेता सालाना आयकर को अपनी संपत्ति व आय-व्यय का ब्योरा सौंपते हैं. राजनीतिक कार्यकर्ताओं की सूची में ऐसे लोग भी मिलेंगे, जो अपनी निजी जिंदगी में अनुशासित व संयमित रहे हैं. पर, यह भी सही है कि राजनीति में धन बल का प्रभाव बढ़ा है. खास तौर पर चुनाव के समय काले धन का उपयोग वोटर को अपने पक्ष में प्रभावित करने में होता आया है. यही कारण है कि नेताओं के बारे में प्रचलित आम धारणा आयकर विभाग उन पर नजर रखने के लिए प्रेरित करता होगा. हाल में दिल्ली विधानसभा के लिए संपन्न हुए चुनावों में आम आदमी पार्टी ने जिस तरह चुनावी चंदे से हुई आय को सार्वजनिक किया, वह भी आंख खोलनेवाली पहल है.

ऐसे कदमों से इनकम टैक्स और आर्थिक फर्जीवाड़े पर नजर रखनेवाली दूसरी एजेंसियों को भी नये रास्ते सूङोंगे. अच्छी बात है कि आयकर विभाग ने राजनेताओं की कमाई पर नजर रखने के लिए और व्यापक योजना बनाने की ठानी है. अगर आयकर के अफसरों ने निष्ठापूर्वक काम करते हुए जनता की तिजोरी को चूना लगानेवाले चंद कद्दावर नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने में सफलता पायी, तो मौजूदा स्थिति को बदलने की दिशा में यह एक बड़ी कामयाबी होगी. इससे भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने में सिस्टम को नयी मजबूती मिलेगी. ऐसे राजनेता, जो देश की आम जनता की पूंजी को अपनी निजी संपत्ति मानने के अभ्यस्त हो गये हैं, होश में आयेंगे.

बेलगाम लोग राजनीति में बने रहने या फिर विदा लेने के बारे में गंभीरता से सोचने को मजबूर होंगे. राजनीति को बिना निवेश के भी बेहतर कमाई का बिजनेस माननेवालों के माथे बल आयेगा. दूसरी तरफ, सैद्धांतिक कारणों से राजनीति में आनेवाले प्रोत्साहित होंगे. उम्मीद की जा सकती है कि राजनीति में सादगी और शुचिता की स्थिति पर भी ऐसी पहल का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

Next Article

Exit mobile version