सैर पर जायें पर दुस्साहस न दिखायें

पुणे के आबेदा ईनामदार महाविद्यालय के 14 छात्रों की रायगढ़ जिले में समुद्र में डूबने के बाद महाराष्ट्र सरकार के शिक्षा विभाग ने समुद्र एवं पहाड़ों की सैर पर जो पाबंदी लगायी है, वह िबलकुल सही है. यह दुर्घटना टल सकती थी, अगर स्थानीय लोगों की दी हुई खतरे की चेतावनी पर छात्रों ने ध्यान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 12, 2016 1:10 AM

पुणे के आबेदा ईनामदार महाविद्यालय के 14 छात्रों की रायगढ़ जिले में समुद्र में डूबने के बाद महाराष्ट्र सरकार के शिक्षा विभाग ने समुद्र एवं पहाड़ों की सैर पर जो पाबंदी लगायी है, वह िबलकुल सही है. यह दुर्घटना टल सकती थी, अगर स्थानीय लोगों की दी हुई खतरे की चेतावनी पर छात्रों ने ध्यान िदया होता. आज कल के लड़के-लड़कियां बड़ों की नसीहत को हंसी मजाक में टाल देते हैं.

हर साल वर्षा के दिनों में नदियों के बांधों पर युवक-युवतियों की भीड़ लगी रहती है. वहां से भी हर वर्ष दुर्घटनाओं के समाचार आते हैं. सैर का उद्देश्य होता है कुदरती माहौल में जाकर जीवन का आनंद लेना, परंतु युवाओं को इस बात का अंदाजा नहीं होता कि दुस्साहस दिखाने के प्रयास में जान खतरे में पड़ सकती है. इस पर ध्यान देना चािहए.

-अनिल रा तोरणे, तलेगांव, पुणे

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