सड़क पर सुरक्षा
सड़कें किसी भी क्षेत्र की भाग्यरेखाएं समझी जाती हैं. इसे मानवीय चूक कहें या लापरवाही, कि सड़कों पर सरपट दौड़ते वाहन जिंदगी पर भारी पड़ रहे हैं. प्रदेश में आये दिनों दिल दहला देने वाले सड़क हादसे होते रहते हैं. यातायात नियमों की अवहेलना करने पर जुर्माने व सजा का प्रावधान है और नियमों को […]
सड़कें किसी भी क्षेत्र की भाग्यरेखाएं समझी जाती हैं. इसे मानवीय चूक कहें या लापरवाही, कि सड़कों पर सरपट दौड़ते वाहन जिंदगी पर भारी पड़ रहे हैं. प्रदेश में आये दिनों दिल दहला देने वाले सड़क हादसे होते रहते हैं.
यातायात नियमों की अवहेलना करने पर जुर्माने व सजा का प्रावधान है और नियमों को लागू कराने के लिए अमले का इंतजाम भी है, लेकिन प्रदेश में निरंतर हादसे हो रहे हैं. तेज रफ्तार से वाहन चलाने वाले या तो खुद शिकार हो रहे हैं या दूसरों को जख्म दे रहे हैं.
प्रशासन की ओर से भी सुरक्षित यातायात के लिए मुहिम भी शुरू की गयी थी लेकिन प्रदेश में हादसों के क्रम में कोई कमी नहीं आयी है. इसमें सिर्फ आम जनता की ही लापरवाही नहीं है प्रशासनिक उदासीनता भी है. जब कहीं बड़ा हादसा होता है तो हर स्तर पर सक्रियता बढ़ जाती है लेकिन कुछ दिन बाद फिर उसी ढर्रे पर चलना शुरू हो जाता है. जख्म पर शुरू में ही मरहम लगा देना चाहिए ताकि वह नासूर न बन जाये.
– आदित्य शर्मा, हरनाकुंडी, दुमका