पांचवे जेपीएससी मुद्दे पर ढोंग

राज्य के बड़े नेताओं और मीडिया समूहों ने जिस तरह से पांचवी जेपीएससी मुख्य परीक्षाफल में गड़बड़ी की बात कही, वह सही मालूम होता है. क्योंकि इस गड़बड़ी की जांच की मांग पर जब छात्रों ने आमरण अनशन किया तो जेपीएससी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर 618 रिजेक्शन की खबर का खंडन किया. जबकि कोर्ट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2016 6:45 AM
राज्य के बड़े नेताओं और मीडिया समूहों ने जिस तरह से पांचवी जेपीएससी मुख्य परीक्षाफल में गड़बड़ी की बात कही, वह सही मालूम होता है. क्योंकि इस गड़बड़ी की जांच की मांग पर जब छात्रों ने आमरण अनशन किया तो जेपीएससी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर 618 रिजेक्शन की खबर का खंडन किया. जबकि कोर्ट के समक्ष जेपीएससी ने 618 रिजेक्शन को शपथपत्र पर स्वीकार किया, जिससे विरोधाभासी स्वर सुनायी देती है. जेपीएससी की अब तक आठ परीक्षाओं पर न्यायिक/सीबीआइ जांच चल रही है. जेपीएससी के पूर्व अध्यक्ष व कई सदस्य जेल की हवा खा रहे हैं. ऐसे में इसे झारखंड का व्यापम घोटाला की संज्ञा दी जा सकती है.
एक संवैधानिक संस्था का निष्पक्ष, तटस्थ और पारदर्शी होना आवश्यक है. शीतकालीन सत्र में जिस तरह स्पीकर महोदय ने इस मामले को गंभीरता से लिया था, वैसी ही कार्यवाही की जरूरत बजट सत्र में भी है, ताकि पारदर्शी एवं स्वस्थ प्रतियोगिता का माहौल मिले.
-अंश कुमार, ई-मेल से

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