आरक्षण का फायदा कितने लोगों को?
एक बार फिर जाट आरक्षण को लेकर हरियाणा जल रहा है. वैसे तो अति पिछड़ी एवं जनजातियों के लिए निश्चय ही आरक्षण किसी वरदान से काम नहीं है, मगर हमारे रहनुमाओं ने आजादी के बाद से ही इसे राजनीतिक झुनझुने की तरह इस्तेमाल किया है. इस नीति को वोट बैंक की तरह ही इस्तेमाल किया […]
एक बार फिर जाट आरक्षण को लेकर हरियाणा जल रहा है. वैसे तो अति पिछड़ी एवं जनजातियों के लिए निश्चय ही आरक्षण किसी वरदान से काम नहीं है, मगर हमारे रहनुमाओं ने आजादी के बाद से ही इसे राजनीतिक झुनझुने की तरह इस्तेमाल किया है. इस नीति को वोट बैंक की तरह ही इस्तेमाल किया जाता है.
व्यावहारिक रूप से जरूर कुछ लोगों को इसका लाभ मिला होगा, मगर जिस कदर आबादी एवं बेरोजगारी बढ़ रही है, उसके सामने आरक्षण ऊंट के मुंह में जीरा है.
लोगों को यह मालूम है कि यह महज प्रतीकात्मक सरकारी नियम है, जिसका मुट्ठी भर लोग ही लाभ ले पाते हैं. राज्य और केंद्र को जोड़ कर करीब पांच प्रतिशत आबादी ही सरकारी उपक्रमों में नियुक्ति पा सकी है. ऐसे में जो आरक्षण मांगा जा रहा है, उससे कितनों को लाभ होगा?
-जंग बहादुर, गोलपहाड़ी