नीतियों-तरीकों में सुधार से जल संकट समाधान

भारत विश्व की उभरती हुई आर्थिक महाशक्ति है, पर इसके जल प्रबंधन के तौर-तरीके अल्प विकसित हैं. इसके अलावा, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, देश की 445 नदियों में से तकरीबन आधी अत्यधिक प्रदूषित हैं. दिनोंदिन आबादी बढ़ती जा रही है और जल का प्रदूषण भी उसी गति से बढ़ रहा है़ देश में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 25, 2016 2:18 AM
भारत विश्व की उभरती हुई आर्थिक महाशक्ति है, पर इसके जल प्रबंधन के तौर-तरीके अल्प विकसित हैं. इसके अलावा, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, देश की 445 नदियों में से तकरीबन आधी अत्यधिक प्रदूषित हैं. दिनोंदिन आबादी बढ़ती जा रही है और जल का प्रदूषण भी उसी गति से बढ़ रहा है़ देश में उपलब्धता और गुणवत्ता के आधार पर जलीय दबाव के चिह्न दिखते हैं.
दशकों से इस्तेमाल की जा रही कमजोर नीतियाें और तौर-तरीकों के कारण बाकी देशों की तुलना में भारत की जलीय स्थिति बदतर है़ भारत को चाहिए कि जलीय समस्याओं का समाधान जल्दी करे़ इसके लिए सतत राजनीतिक इच्छा, मजबूत जल संसाधनों के निर्माण और सरकारी धन का सक्षम उपयोग सुनिश्चित करना होगा़ तभी हम आने वाले समय में इस संकट से उबर पायेंगे़
हीरेंद्र अमझरे,बड़वानी, मप्र

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