अपने बयानों की तरह खोखले नेता

राजनीति केवल भावुक भाषण देने और जुलूसों का नेतृत्व करने का नाम नहीं है. राजनीति में लोगों के विश्वास और भरोसे को जीतने की जरूरत होती है. और सबसे बड़ी बात यह कि वही नेता आम लोगों को प्रेरित कर सकता है जो अपने अहंकार को दबा कर अच्छाई को ज्यादा अहमियत देने की क्षमता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 20, 2013 3:49 AM

राजनीति केवल भावुक भाषण देने और जुलूसों का नेतृत्व करने का नाम नहीं है. राजनीति में लोगों के विश्वास और भरोसे को जीतने की जरूरत होती है. और सबसे बड़ी बात यह कि वही नेता आम लोगों को प्रेरित कर सकता है जो अपने अहंकार को दबा कर अच्छाई को ज्यादा अहमियत देने की क्षमता रखता है. महात्मा गांधी के पास न तो बंदूक थी और न दौलत, फिर भी वे करोड़ों लोगों को प्रेरित करने की क्षमता रखते थे.

उनके ऊपर उन करोड़ लोगों का विश्वास था और वे उनके पीछे चलते थे. आज हमारे सामने ऐसे कई नेता आते हैं, जो सुर्खियों में छाने के लिए कुछ भी कह डालते हैं, औने-पौने वादे कर डालते हैं. लेकिन आगे चल कर उनके सारे बयान उन्हीं की तरह खोखले साबित होते हैं. दुर्भाग्य है आज हमारे देश में बहुत कम ऐसे नेता रह गए हैं, जो असल मायने में नेता कहलाने लायक हैं.

मनीष वैद्य, रांची

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