यह भेदभाव क्यों?

झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड में 2012 तक जितनी भी अनुकंपा पर नियुक्तियां हुई हैं, उन्हें चतुर्थ वर्गीय पदों पर रखा गया है़ लेकिन 2013 से जितनी भी अनुकंपा पर नियुक्तियां हुई हैं, उन्हें तृतीय वर्ग के पदों पर रखा गया है. यह कहां का इंसाफ है कि 2012 से पूर्व जितने भी कर्मचारियों की नियुक्ति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 1, 2016 5:57 AM

झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड में 2012 तक जितनी भी अनुकंपा पर नियुक्तियां हुई हैं, उन्हें चतुर्थ वर्गीय पदों पर रखा गया है़ लेकिन 2013 से जितनी भी अनुकंपा पर नियुक्तियां हुई हैं, उन्हें तृतीय वर्ग के पदों पर रखा गया है.

यह कहां का इंसाफ है कि 2012 से पूर्व जितने भी कर्मचारियों की नियुक्ति हुई है, और जो पिछले कई वर्षों से कार्य कर रहे हैं वो चतुर्थ वर्गीय पदों पर काम कर रहे है और अनुकंपा वाले सीधे तृतीय वर्गीय पदों पर नियुक्ति पा रहे हैं.

बोर्ड न तो पुराने कर्मचारियों के प्रोन्नति के लिए परीक्षा लेता है और यदि परीक्षा लेने की घोषणा भी होती है तो वह रद्द हो जाती है़ आपके मुखपत्र से मैं झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड से निवेदन करती हूं कि वह पुराने कर्मचारियों की तरफ भी ध्यान दे.

लता प्रसाद, धुर्वा, रांची

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