सकारात्मक सहयोग

शिवरात्रि पर्व के अवसर पर गुजरात में आतंकी हमलों की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ायी गयी है़ केंद्र सरकार और राज्य सरकार की विभिन्न एजेंसियां आतंकवादियों के इरादों को बेअसर करने में जुटी हैं. पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नासिर खान जंजुआ ने शनिवार को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को सूचना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 7, 2016 12:56 AM
शिवरात्रि पर्व के अवसर पर गुजरात में आतंकी हमलों की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ायी गयी है़ केंद्र सरकार और राज्य सरकार की विभिन्न एजेंसियां आतंकवादियों के इरादों को बेअसर करने में जुटी हैं. पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नासिर खान जंजुआ ने शनिवार को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को सूचना दी थी कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद के 10 फिदायीन आतंकवादी खतरनाक मंसूबों के साथ गुजरात में घुसे हैं. यह पहली बार है, जब पाकिस्तान ने आतंकवाद से संबंधित इस तरह की सूचना भारत को दी है.

पाकिस्तान के इस कदम की सराहना की जानी चाहिए. निश्चित रूप से यह परिघटना दोनों देशों के बीच रिश्तों को सामान्य बनाने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है. पाकिस्तान लंबे समय से भारत-विरोधी तत्वों को समर्थन और संरक्षण देता रहा है.

सीधे सबूतों को नकारने की प्रवृत्ति भी परिलक्षित होती रही है. लेकिन, पिछले कुछ समय से दोनों देशों के नेतृत्व के बीच संवाद से स्थिति बेहतर जरूर हुई है. पाकिस्तान द्वारा आतंकी हमलावरों की जानकारी देने को इसी सिलसिले में देखा जाना चाहिए़ यह भी सच है कि जम्मू के पास सीमा पर सुरंग का मिलना और घुसपैठ का जारी रहना चिंताजनक है, लेकिन आतंक ने पाकिस्तान में भी तबाही बरपायी है़ पाकिस्तान ने पठानकोट हमले के दोषियों को पकड़ने में भारत के साथ सहयोग की बात की है़ इस पृष्ठभूमि में पाकिस्तान के सुरक्षा सलाहकार द्वारा आतंकी हमले के बारे में सूचना देना आतंक के विरुद्ध दोनों देशों के बढ़ते परस्पर सहयोग और भरोसे को दर्शाता है़ भारत ने पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंधों की कोशिश हमेशा की है और पूरी उम्मीद की जानी चाहिए कि पाकिस्तान के इस रुख से इस दिशा में ठोस प्रगति होगी़ भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने भी बातचीत को जरूरी बताया है और इस पर भारत का सकारात्मक रवैया जगजाहिर है़ गुजरात में आतंकी घुसपैठ की जानकारी और पठानकोट हमले की जांच में सहयोग जैसी पहलें पाकिस्तान को जारी रखनी चाहिए़ हिंसा, आतंक और भारत के विरुद्ध छद्म युद्ध की प्रवृत्ति से पाकिस्तान को नुकसान ही हुआ है तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय में उसकी स्थिति कमजोर हुई है़ दक्षिण एशिया के विकास के लिए परस्पर सहयोग का माहौल बनाना जरूरी है और इसके लिए पहली शर्त यह है कि भारतीय उपमहाद्वीप में अमन-चैन बहाल हो़ ऐसे में अतिवाद और आतंकवाद के विरुद्ध मिलजुल कर लड़ना ही एकमात्र उपाय है़

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