संविधान में संशोधन की जरूरत

बीते कुछ महीनों में असहिष्णुता और अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कुछ असामाजिक तत्वों, विपक्षी पार्टियों व तथाकथित देशभक्तों के द्वारा जिस प्रकार से सरकार के साथ-साथ देश की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है, यह कहीं न कहीं संविधान में लिखित कुछ कमजोर अनुच्छेदों का परिणाम है, जो ऐसे तत्वों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 15, 2016 12:38 AM
बीते कुछ महीनों में असहिष्णुता और अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कुछ असामाजिक तत्वों, विपक्षी पार्टियों व तथाकथित देशभक्तों के द्वारा जिस प्रकार से सरकार के साथ-साथ देश की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है, यह कहीं न कहीं संविधान में लिखित कुछ कमजोर अनुच्छेदों का परिणाम है, जो ऐसे तत्वों को देशविरोधी काम करने की इजाजत देता है़
एक तरफ देशद्रोह के आरोपी को विपक्षी पार्टियां हीरो बना देती हैं, तो वहीं कुछ शिक्षण संस्थानों के अंदर जलसे बुलाकर देश के खिलाफ नारे लगाये जाते हैं.
यदि संविधान यह सब करने की इजाजात देता है तो संविधान में संशोधन की जरूरत है़ वैसे भी संविधान में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के द्वारा कुछ विषयों को उस समय की परिस्थिति के अनुसार डाला गया था, जिनकी वर्तमान समय में या तो जरूरत नहीं है या उसमें संशोधन की आवश्यकता है़
आशीष अधिराज, ई-मेल से

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