भारत माता के जयकारे पर बहस

आजकल देशभक्ति और देशद्रोही का मुद्दा गरम है़ लेकिन, इन सबके बीच देश में अधिकतर युवा बेरोजगारी और अल्पबेरोजगारी से ग्रस्त हैं. देश के अधिकतर वृद्ध नागरिक उपेक्षित-उत्पीड़ित जीवन जीने को विवश हैं. प्रतिवर्ष कई कई हजार किसान कर्ज पर ब्याज के बोझ से आत्महत्या कर रहे हैं. अच्छा होता जब हमारे राजनीतिज्ञ इन सब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 28, 2016 12:35 AM

आजकल देशभक्ति और देशद्रोही का मुद्दा गरम है़ लेकिन, इन सबके बीच देश में अधिकतर युवा बेरोजगारी और अल्पबेरोजगारी से ग्रस्त हैं. देश के अधिकतर वृद्ध नागरिक उपेक्षित-उत्पीड़ित जीवन जीने को विवश हैं. प्रतिवर्ष कई कई हजार किसान कर्ज पर ब्याज के बोझ से आत्महत्या कर रहे हैं.

अच्छा होता जब हमारे राजनीतिज्ञ इन सब चीजों पर ध्यान देते. नकारात्मक बयानबाजी से देश के अंदर माहौल खराब होता है, इसलिए प्रबुद्धजनों को ऐसी बयानबाजी छोड़ कर सकारात्मक चीजों पर बल देना चाहिए़ देश के अंदर चारों तरफ अन्याय और अपराध का बोलबाला है. लाखों की संख्या में अदालतों में मुकदमे लंबित हैं. पुलिस गालियों और लाठियों से नागरिकों की खबर ले रही है, लेकिन भारत माता के जयकारे पर बहस चल रही है. कमाल है!

सुमित कुमार बड़ाईक, सिसई

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