मेरा भारत महान!
कोलकाता में निर्माणाधीन फ्लाइओवर हादसे के मृतकों व घायलों के प्रति संवेदना़ लेकिन, क्या संवेदना या सरकारी मुआवजा मात्र से मानवता के हत्या की कालिख मिट सकती है? निर्माण सामग्री में भ्रष्टाचार और जांच अधिकारियों की स्वार्थ लिप्सा ने निर्दोष राहगीरों को मौत के घाट उतार दिया है. एफआइआर व जांच आयोग के नतीजे लीपा-पोती […]
कोलकाता में निर्माणाधीन फ्लाइओवर हादसे के मृतकों व घायलों के प्रति संवेदना़ लेकिन, क्या संवेदना या सरकारी मुआवजा मात्र से मानवता के हत्या की कालिख मिट सकती है? निर्माण सामग्री में भ्रष्टाचार और जांच अधिकारियों की स्वार्थ लिप्सा ने निर्दोष राहगीरों को मौत के घाट उतार दिया है.
एफआइआर व जांच आयोग के नतीजे लीपा-पोती तक सीमित रहेंगे. ‘सौ में नब्बे बेईमान, फिर भी मेरा भारत महान!’ को चरितार्थ करते हुए देश में व्यवस्था पूरी तरह भ्रष्टाचार में लिप्त रहती है़ ऐसे में कौन और किसे सजा देगा? अब तक के अन्य हादसों की तरह इस घटना पर भी कुछ बेबसी, तो कुछ घड़ियाली आंसू बहायेंगे और फिर किसी नयी घटना के सुर्खियों में आने पर लोग इस हादसे को भूल जायेंगे.
अजय झा, कोलकाता