पाकिस्तान का प्रपंच
जी हां! इसे पाकिस्तान का नया प्रपंच ही माना जायेगा. पठानकोट हमले की जांच के लिए पाक से आयी उच्चस्तरीय संयुक्त जांच टीम (जेआइटी) की पाक मीडिया में लीक हुई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमला पाकिस्तान को बदनाम करने और द्विपक्षीय बातचीत को पटरी से उतारने के लिए […]
जी हां! इसे पाकिस्तान का नया प्रपंच ही माना जायेगा. पठानकोट हमले की जांच के लिए पाक से आयी उच्चस्तरीय संयुक्त जांच टीम (जेआइटी) की पाक मीडिया में लीक हुई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमला पाकिस्तान को बदनाम करने और द्विपक्षीय बातचीत को पटरी से उतारने के लिए रचा गया भारत का ड्रामा था! यदि इसमें थोड़ी भी सच्चाई है, तो पहला सवाल यही पूछा जायेगा कि क्या कोई देश किसी दूसरे देश को बदनाम करने भर के लिए अपने कई बहादुर जवानों की शहादत की साजिश रच सकता है?
शायद नहीं. और यदि दुर्भाग्य से कभी कोई देश इस हद तक गिर भी जाये, तो क्या वह उसी दूसरे देश की उच्चस्तरीय टीम को जांच के लिए अपने यहां आने देगा? हरगिज नहीं. शिवसेना, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसे दलों की आपत्तियों के बावजूद भारत सरकार ने यदि पाक दल को जांच के लिए आने दिया, तो यह सबूत है कि भारत आतंकवाद को खत्म करने और पाकिस्तान के प्रति अच्छे रिश्ते को लेकर संजीदा है.
लीक हुई रिपोर्ट पर भी भारत सरकार ने फिलहाल संयम बरतते हुए आधिकारिक रिपोर्ट आने के बाद ही प्रतिक्रिया देने की बात कही है. लेकिन, इस हैरतअंगेज खुलासे पर पाक सरकार की चुप्पी आतंकवाद को लेकर उसके दोहरे रवैये को फिर बेनकाब करती है. भारत में इससे पहले हुए कई आतंकी हमलों में पाकिस्तान में बैठे आतंकी सरगनाओं की संलिप्तता के ठोस सबूत सौंपे जाने के बाद भी पाकिस्तान का ढुलमुल रवैया ही सामने आता रहा है.
ऐसे हालात में पाकिस्तान के साथ रिश्ते बेहतर बनाने को लेकर भारत को निश्चित रूप से और अधिक सतर्क होने की जरूरत है. हालांकि पाकिस्तान के जिस अंगरेजी दैनिक ‘द डेली मेल’ ने यह खुलासा किया है, उसकी वेबसाइट पर मौजूद स्पेशल रिपोर्ट्स से गुजरने पर तुरंत यह आभास हो जाता है कि इस मीडिया हाउस का खास मकसद पाकिस्तानियों में भारत के प्रति नफरत फैलाना और चीन के प्रति सहानुभूति पैदा करना है. इसलिए फिलहाल हम यही दुआ करते हैं कि लीक हुई रिपोर्ट हकीकत से परे हो और भारत-पाकिस्तान के बेहतर होते रिश्तों को फिर से ग्रहण न लगे.