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अरुण कुमार,दिल्ली ‘नये साल में आर्थिक व्यूह रचना रचेगा भारत’ नामक शीर्षक से छपा आपका लेख बहुत तथ्यपरक और सारगर्भित है. अमेरिका के आका बराक ओबामा के माथे पर खिंची पेशानियों की लकीरों को बड़ी बारीकी से आपने पढ़ा और विश्व के आर्थिक जगत की कोख में अभी क्या पल रहा है, उसकी पूरी ‘अल्ट्रासाउंड’ […]
अरुण कुमार,दिल्ली
‘नये साल में आर्थिक व्यूह रचना रचेगा भारत’ नामक शीर्षक से छपा आपका लेख बहुत तथ्यपरक और सारगर्भित है. अमेरिका के आका बराक ओबामा के माथे पर खिंची पेशानियों की लकीरों को बड़ी बारीकी से आपने पढ़ा और विश्व के आर्थिक जगत की कोख में अभी क्या पल रहा है, उसकी पूरी ‘अल्ट्रासाउंड’ रिपोर्ट पेश की. ऐसे में, जबकि अमेरिका जो विश्वभर के देशों के साथ वहां के हालात के अनुसार खेल खेल रहा है तो दावोस में होने वाले आर्थिक सम्मेलन में भारत आइटी के क्षेत्र में क्या रणनीति बना कर अपना प्रतिनिधित्व करेगा, इसको लेकर यूरोपीय देश असमंजस की स्थिति में ही रहेंगे. आपके आलेख को मौजूदा सरकार के रणनीतिकारों को भी पढ़ना चाहिए ताकि वे इस बारे में अभी कुछ होमवर्क कर लें तो बेहतर हो. इस आलेख के लिए आपको और ‘प्रभात खबर’ को बधाई.