दोष केवल पुरुषों का नहीं
ध्रुब मित्र,कोकर,रांची महिलाओं के खिलाफ हमारे देश में छेड़खानी, यौन शोषण, बलात्कार आदि के 90 प्रतिशत मामलों में पुरुषों की विकृत मानसिकता जिम्मेवार है. लेकिन एक जनवरी को ‘प्रभात खबर’ के अंक में शहर के बड़े क्लबों और होटलों में नव वर्ष की पूर्व संध्या पर जश्न मनाती हाई-सोसाइटी की कई महिलाओं की तसवीरें छपी […]
ध्रुब मित्र,कोकर,रांची
महिलाओं के खिलाफ हमारे देश में छेड़खानी, यौन शोषण, बलात्कार आदि के 90 प्रतिशत मामलों में पुरुषों की विकृत मानसिकता जिम्मेवार है. लेकिन एक जनवरी को ‘प्रभात खबर’ के अंक में शहर के बड़े क्लबों और होटलों में नव वर्ष की पूर्व संध्या पर जश्न मनाती हाई-सोसाइटी की कई महिलाओं की तसवीरें छपी हैं, इस बारे में आपका क्या कहना है? इसके साथ ही मध्य रात्रि में शराब के नशे में धुत्त होकर गाड़ी चलाने और उसे दुर्घटनाग्रस्त करनेवाली लड़कियों को पुलिस द्वारा पकड़े जाने की भी खबर फोटो सहित उसी दिन छपी है. ऐसी महिलाओं की स्वच्छंदता और आधे-अधूरे कपड़े पुरुषों को उत्तेजित करते हैं. पश्चिमी संस्कृति का अनुकरण हमारी भारतीय संस्कृति के विपरीत है. इसलिए बढ़ती यौन हिंसा के लिए केवल पुरुषों को दोष देना सही नहीं है.