भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मीडिया प्राय: शक की सूई राजनीतिक दलों के इर्द-गिर्द ही घुमाती है, जबकि सच्चाई यह है कि भ्रष्टाचार के लिए नेताओं से अधिक नौकरशाह जिम्मेवार होते हैं. यदि नौकरशाह ट्रांसफर-पोस्टिंग और लाभ के पद का मोह छोड़ दें, तो देशभर के नेता चाह कर भी उनसे भ्रष्ट आचरण नहीं करवा सकते हैं.
ऐसा नहीं है कि सभी नौकरशाह भ्रष्ट हैं, लेकिन भ्रष्ट नौकरशाही ही देश में भ्रष्टाचार का एक मूल कारण है. चाहे वह अर्जुन मुंडा का कार्यकाल हो या फिर मधु कोड़ा या शिबू सोरेन का, सभी सरकारों में नेताशाही से अधिक नौकरशाही हावी दिखी है. पर अफसोस कि जिन भ्रष्ट नौकरशाहों को जेल में होना चाहिए था, सरकार उन्हें सम्मानित करती है और ईमानदार नौकरशाह किसी ऐसी जगह होते हैं जहां उनके पास करने को कुछ खास नहीं होता. मीडिया ध्यान दे.
शाहनवाज हसन, रांची