एक भारत के लिए कितने जन्म!

तरुण विजय राज्यसभा सांसद, भाजपा पिछले सप्ताह हम लक्षद्वीप की यात्रा करके लौटे. महासागर की उस ताल-तरंगों से शोभित यदि सौंदर्य की कोई प्राकृतिक पराकाष्ठा हो सकती है, तो लक्षद्वीप का सागर तट उसका सर्वोत्तम उदाहरण माना जायेगा. जिधर भी दृष्टि जाती है, उधर ही सागर तट के विराट वैभव के इंद्रधनुषी रंग सम्मोहित करते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 15, 2016 7:40 AM
तरुण विजय
राज्यसभा सांसद, भाजपा
पिछले सप्ताह हम लक्षद्वीप की यात्रा करके लौटे. महासागर की उस ताल-तरंगों से शोभित यदि सौंदर्य की कोई प्राकृतिक पराकाष्ठा हो सकती है, तो लक्षद्वीप का सागर तट उसका सर्वोत्तम उदाहरण माना जायेगा. जिधर भी दृष्टि जाती है, उधर ही सागर तट के विराट वैभव के इंद्रधनुषी रंग सम्मोहित करते हैं. गहरा-नीला-आसमानी पिघले हुए पन्ने जैसा चमकता हरा-गहरा, रेत की सफेदी ओढ़े मटियाला-भूरा और गहरे-काले रंगों के लहराते तल यह बताते हैं कि वहां गहराई में समुद्री पुष्प यानी कोरल बहुतायत में हैं.
वाणी ठहर जाती है. दृष्टि अपलक निहारने का आग्रह करती है. और समय मानो उन क्षणों में निस्तब्ध और वैरागी हो जाता है. यह लक्षद्वीप का शब्दों की परिधि में कुछ हल्का-फुल्का परिचय है.
लक्षद्वीप मिनिकॉय कुल 36 द्वीपों का समूह है. इनमें से केवल 10 पर ही थोड़ी-बहुत आबादी रहती है, बाकी 26 द्वीप निर्जन हैं. कुल आबादी 64 हजार के लगभग है, जिनमें से 40 हजार मतदाता हैं. यह चूंकि संघ-शासित प्रदेश है, इसलिए जिसे भी 15-20 हजार वोट िमल जायें, वह लोकसभा का सदस्य बन जाता है. एक प्रदेश और संसदीय क्षेत्र होने के साथ-साथ द्वीपसमूह में जिला पंचायत भी है. यहां नौसेना का भी एक आधार-केंद्र है. कुल मिला कर एक ऐसी छोटी-सी दुनिया और छोटा-सा भारत है, जहां हर रंग, भाषा, भेष और आस्था के भारतीय जय हिंद के स्वरों में स्वर मिलाते दिखते हैं. यहां लगभग 99 प्रतिशत लोग मुसलिम हैं.
यहां मसजिदें हैं, तो शिव एवं अय्यप्पा स्वामी के मंदिर भी हैं. खाद्य पदार्थों में यहां पर मछली और नारियल ही मिलता है, खेती तो होती नहीं. सब्जियां मंगलौर से आती हैं, अन्य सामान कोच्चि से समुद्री जहाजों में भर कर लाया जाता है और पीने का पानी यहां समुद्री जल से शुद्ध जल बनानेवाले एक संयंत्र द्वारा नागरिकों को उपलब्ध कराया जाता है. कुल मिला कर इस छोटे-से लघु भारत के बारे में यह एक छोटा-सा परिचय है.
कितने लोग इस भारत से परिचित हो पाते होंगे? कितने इस दृश्य को आंखों में भरने का सौभाग्य प्राप्त करते हाेंगे. यहां आकर भारत की महानता, विशालता, विराटता, विशिष्टता, असीम वैभव और ईश्वर प्रदत्त प्राकृतिक सुंदरता के प्रति हृदय अभिमान से भर उठता है और मन गौरव से रोमांचित हो जाता है. विश्व में भारत ही ऐसा महान देश है, जहां हर प्रकार की ऋतु, रेगिस्तान, मरु, उद्यान, बरसात में भीगे रहनेवाले क्षेत्र, बारह महीने हिमानी शिखर, हिमालय की सदानीरा नदियां, 15 हजार किमी का सागर तट और गगन को चुनौती देता हिमालय, शिवालिक, विंध्य और सह्याद्रि जैसी अनेकानेक पर्वत मालाएं हैं.
विश्व में यह अकेला ऐसा देश है, जहां दो हजार से अधिक बोलियां, दो सौ भाषाएं, सौ से अधिक लिपियां, हजारों प्रकार की वेश-भूषाएं, सैकड़ों क्षेत्रीय व्यंजन, हजारों तरह की मिठाइयां और बारह महीने के तेरह पर्व मिलते हैं. ऐसे देश की महिमा का बखान करना भी शब्दों से परे है और यह सब देखने के लिए एक जन्म तो अपर्याप्त ही रहता है. भगवान से यही प्रार्थना करनी होती है कि हे प्रभु! हमें बारंबार इसी देश में जन्म दो, ताकि इसका वैभव हम अपनी अांखों से भरपूर देख सकें और स्वयं को इस देश की सेवा के योग्य भी बना सकें.
वास्तव में विश्व के इस अनोखे लोकतांत्रिक देश भारत में जन्म लेकर उसकी सेवा का सौभाग्य प्राप्त करना सबसे बड़ा पुण्य है. इसने सहस्राब्दियों की राजवंशीय परंपरा के बाद अचानक लोकतंत्र को स्वीकार कर अभिव्यक्ति की आजादी को शिखर पर पहुंचाया और धार्मिक-प्राण होते हुए भी सभी धर्मों को समान अधिकार देने का संविधान बनाया. वह कोई अभागा ही होगा, जो इस देश के विरुद्ध आवाज उठाने की ख्वाहिश अपने दिल में पालता होगा.
कश्मीर के वे लड़के, जो भारत के हारने पर खुशी मनाते हैं और देशभक्त छात्रों पर हमले करते हैं, अपनी जन्मदात्री मां के प्रति विश्वासघात करते हैं.
विश्व प्रसिद्ध इसलामिक विद्वान मौलाना वहीदुद्दीन खान ने एक बार मुझसे कहा था कि वतनपरस्ती तो मुसलमानों के खून में होती है, क्योंकि इसलाम सब कुछ तय कर सकता है, लेकिन यह तय नहीं कर सकता कि एक व्यक्ति का जन्म कहां होगा, यह अल्लाह तय करता है कि वह कहां पैदा होगा. इसलिए वह जहां पैदा होता है, उससे वफादारी और ईमान रखना अल्लाह के प्रति धन्यवाद देने जैसा कर्तव्य होता है. अब कश्मीर के वे मुसलिम लड़के तय करें कि वे अल्लाह और मादर-ए-वतन के प्रति कौन सी निष्ठा निभा रहे हैं.

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