पिछले 10 वर्षो के कार्यकाल में यह तीसरी बार था जब प्रधानमंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस की. उन्होंने घोषणा कर दी कि वह अगले चुनाव में यूपीए के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे. इसे मनमोहन सिंह की विदाई प्रेस कांफ्रेंस माना जा सकता है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली का कहना है कि इस मौके पर उन्हें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने विपक्ष पर तीखा रुख अपनाया, खास कर मोदी के खिलाफ.
मनमोहन सिंह ने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, तो देश बर्बाद हो जायेगा. अगर मोदी के पीएम बनने से पहले ही उन्हें विपदा कहा जा रहा है, तो मनमोहन का कार्यकाल किसी विपदा से कम कहां रहा है? वह मुजफ्फरनगर में हुई हिंसा नहीं रोक सके. देश का अंदरूनी मामला हो या बाहरी, मनमोहन सिंह हर मोरचे पर विफल नजर आये. देश की इससे अधिक बर्बादी और क्या हो सकती है?
विशाल पाठक, सिमरिया, चतरा