खात्मे की ओर बढ़ रही है हमारी सभ्यता!
पूरे ब्रह्मांड में पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है जहां जीव-जंतुओं का बसेरा है़ इसकी वजह है यहां ऑक्सीजन, पानी की उपलब्धता़ भूगोल विज्ञान के अनुसार, हमारी यह बस्ती, पृथ्वी पर आयी 81वीं सभ्यता है़ यानी इससे पहले 80 बार जीवन पनपा और फिर धरती में समा गया. तभी तो कई खुदाइयों में पुरानी सभ्यता के […]
पूरे ब्रह्मांड में पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है जहां जीव-जंतुओं का बसेरा है़ इसकी वजह है यहां ऑक्सीजन, पानी की उपलब्धता़ भूगोल विज्ञान के अनुसार, हमारी यह बस्ती, पृथ्वी पर आयी 81वीं सभ्यता है़
यानी इससे पहले 80 बार जीवन पनपा और फिर धरती में समा गया. तभी तो कई खुदाइयों में पुरानी सभ्यता के अवशेष मिलते हैं. साल भर से जिस तरह पृथ्वी कांप रही है, इससे हजारों की संख्या में जानमाल का नुकसान हो रहा है़ अप्रैल में नेपाल में आया भूकंप, जान-माल की भारी तबाही लेकर आया़ उसके बाद तो सिलसिला ही चल पड़ा़
पिछले साल अफगानिस्तान, मलेशिया, पेरू, जापान और इस साल ताइवान, भारत, म्यांमार सहित कई देशों में सैकड़ों जानें गयीं. बीते सप्ताह चार देशों में भूकंप ने फिर से दहशत फैलायी़ इतने कम अंतराल पर बड़े पैमाने पर भूकंप आने से क्या यह समझा जाये कि हमारी सभ्यता अपने खात्मे की ओर बढ़ रही है?
जंग बहादुर सिंह, ई-मेल से