इनसान बनना सीखना होगा
हमारे देश में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति में सुरक्षा की दृष्टि से कर्फ्यू लगाये जाने की परंपरा पुरानी है़ जब-जब किसी क्षेत्र का माहौल बिगड़ता है और जान-माल की क्षति की संभावना होती है, शासन-प्रशासन को एहतियातन कर्फ्यू लगाना पड़ता है़ लेकिन ऐसी परिस्थितियां बनती ही क्यों हैं कि कर्फ्यू लगा कर सारे शहरवालों को […]
हमारे देश में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति में सुरक्षा की दृष्टि से कर्फ्यू लगाये जाने की परंपरा पुरानी है़ जब-जब किसी क्षेत्र का माहौल बिगड़ता है और जान-माल की क्षति की संभावना होती है, शासन-प्रशासन को एहतियातन कर्फ्यू लगाना पड़ता है़ लेकिन ऐसी परिस्थितियां बनती ही क्यों हैं कि कर्फ्यू लगा कर सारे शहरवालों को उनके घरों में कैद कर देने की नौबत आ जाती है? आज लोग समझदार हो कर भी कहीं न कहीं भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं.
कुछ लोग बहकावे में आकर छोटी-छोटी बातों को बड़ा अंजाम देने का कोशिश कर रहे हैं. हम खुद के हित और हिफाजत की जितनी परवाह करते हैं, उतना ही दूसरों को भी मान देना सीखना होगा़ हमें इनसान बनना सीखना होगा़.
मिथिलेश शर्मा, ई-मेल से
पोस्ट करें : प्रभात खबर, 15 पी
इंडस्ट्रियल एिरया, कोकर, रांची 834001
मेल करें : eletter@prabhatkhabar.in पर ई-मेल संिक्षप्त व िहंदी में हो.
िलपि रोमन भी हो सकती है
फैक्स करें : 0651-2544006 पर