स्थानांतरण की नियमावली
शिक्षकों की नियमावली में संशोधन करके इसे जिलास्तरीय बनाया जाना स्वागतयोग्य कदम है. इसका महत्व वे शिक्षक बता सकते हैं जो पिछली नियमावली के चलते दूसरे जिले में कार्यरत होकर शिक्षण कार्य कर रहे हैं. भाजपा की पिछली सरकार यह नियम लायी थी कि सभी शिक्षकों को उनके गृह जिला, गृह प्रखंड, गृह पंचायत में […]
शिक्षकों की नियमावली में संशोधन करके इसे जिलास्तरीय बनाया जाना स्वागतयोग्य कदम है. इसका महत्व वे शिक्षक बता सकते हैं जो पिछली नियमावली के चलते दूसरे जिले में कार्यरत होकर शिक्षण कार्य कर रहे हैं. भाजपा की पिछली सरकार यह नियम लायी थी कि सभी शिक्षकों को उनके गृह जिला, गृह प्रखंड, गृह पंचायत में वापस लाया जायेगा़ ऐसा हुआ भी, लेकिन कई शिक्षक तो ऐसे जिलों में पहुंच गये जहां का भौगोलिक वातावरण विपरीत है.
यह कारनामा हुआ जिलों के पदाधिकारियों के चलते़ शिक्षा सचिव के निर्देश पर सबने काउंसलिंग तो की, लेकिन अपने हिसाब से़ परेशानी झेलनी पड़ रही है शिक्षकों को, जो शिक्षक बन कर दूसरे जिलों में चले गये़ हैरानी की बात है कि हाइस्कूल के शिक्षक अपने पंचायतों में नौकरी करें, पर प्राथमिक शिक्षक अपने जिले से दो सौ किलोमीटर दूर किसी दूसरे जिले में जाकर नौकरी करें.
निरंजन सिंह, सारठ