असुरक्षित हैं लोग

रात के दस बजे, वो भी गरमी के दिनों में जब दुमका जैसे शहर में हलचल रहती है, उस वक्त एक समाजसेवी नेता की निर्मम हत्या हो जाती है और अपराधी भागने में सफल हो जाते हैं. यह हमारी लचर सुरक्षा व्यवस्था को दर्शाता है. अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं. इस तरह की घटना को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 9, 2016 1:36 AM
रात के दस बजे, वो भी गरमी के दिनों में जब दुमका जैसे शहर में हलचल रहती है, उस वक्त एक समाजसेवी नेता की निर्मम हत्या हो जाती है और अपराधी भागने में सफल हो जाते हैं. यह हमारी लचर सुरक्षा व्यवस्था को दर्शाता है.

अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं. इस तरह की घटना को अंजाम दे रहे हैं. यह दुखद बात है. ऐसी घटनाओं से शहर की शांति खत्म हो रही है. लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. इन घटनाओं को रोकने के लिए सरकार को ठोस इंतजाम करने चाहिए, ताकि ऐसी घटना फिर न हो.

पीयूष राज, दुमका

Next Article

Exit mobile version