हमें सदा प्रेरित करते रहेंगे स्वामीजी

वर्तमान समय की युवा पीढ़ी उत्तर-आधुनिकतावादी, भोगवादी संस्कृति के आगोश में है और इसी को अपना जीवन दर्शन मान बैठी है. ऐसे में गौतम बुद्ध, तिरु वल्लुवर, गुरु नानक, स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी के आदर्शो को अपनाने की बड़ी जरूरत है. आधुनिक भारत के निर्माता युग-पुरु ष स्वामी विवेकानंद की रविवार को हमने जयंती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2014 4:07 AM

वर्तमान समय की युवा पीढ़ी उत्तर-आधुनिकतावादी, भोगवादी संस्कृति के आगोश में है और इसी को अपना जीवन दर्शन मान बैठी है. ऐसे में गौतम बुद्ध, तिरु वल्लुवर, गुरु नानक, स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी के आदर्शो को अपनाने की बड़ी जरूरत है. आधुनिक भारत के निर्माता युग-पुरु ष स्वामी विवेकानंद की रविवार को हमने जयंती मनायी.

ये भारत मां के भाल पर सूर्य की भांति चमक बिखेरने वाले चिरयुवा संन्यासी रहे. देशवासियों की सेवा ही इनकी सच्ची ईश्वर सेवा थी. पुरु षार्थ इनका आदर्श था, भोगवाद नहीं. उन्होंने देश के लोगों को संदेश दिया- उठो, आगे बढ़ो और तब तक मत रुको, जब तक तुम्हें अपना लक्ष्य हासिल न हो जाये. इनकी शिक्षाएं देश को हमेशा से प्रेरित करती आ रही हैं. इनके आदर्शो का पालन करके ही हम इन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे सकेंगे.
महादेव महतो, तालगड़िया, बोकारो

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