ऑनलाइन तो होने दो, फिर बात करना

।। बृजेंद्र दुबे।। (प्रभात खबर, रांची) ‘आप’ की ऑनलाइन सदस्यता देनेवाली अरविंद केजरीवाल एंड कंपनी ने एलान कर दिया है कि दरबार तो राजा-रजवाड़े लगाते हैं. हम तो आम आदमी हैं.. इसलिए ‘आप’ का जनता दरबार अब आगे से बंद. आम आदमी की शिकायतें ऑनलाइन सुनी जायेंगी और उन पर फैसला भी ऑनलाइन ही होगा. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2014 4:30 AM

।। बृजेंद्र दुबे।।

(प्रभात खबर, रांची)

‘आप’ की ऑनलाइन सदस्यता देनेवाली अरविंद केजरीवाल एंड कंपनी ने एलान कर दिया है कि दरबार तो राजा-रजवाड़े लगाते हैं. हम तो आम आदमी हैं.. इसलिए ‘आप’ का जनता दरबार अब आगे से बंद. आम आदमी की शिकायतें ऑनलाइन सुनी जायेंगी और उन पर फैसला भी ऑनलाइन ही होगा. गजोधर भाई केजरीवाल के इस फैसले से गदगद हैं. मुझसे बोले.. देखा ‘आप’ ने देर से सही अच्छा फैसला लिया है.. इससे देश तरक्की करेगा और हम अमेरिका-चीन से चार कदम आगे होंगे.

अब हर हाथ में लैपटॉप, मोबाइल और टैबलेट होगा, वह भी इंटरनेट के साथ. ‘आप’ से शिकायत करने के लिए जनता अब तुरंत लॅपटॉप या इंटरनेट वाला मोबाइल खरीद लेगी. इधर, किसी ने घूस मांगा, उधर घूसखोर का स्टिंग कर ‘आप’ को मेल कर दो. घूसखोर सीधे जेल में. ‘आप’ भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए आम आदमी की मदद चाहती है. यही नहीं ‘आप’ का सदस्यता फार्म भरने के लिए चक्कर लगाने की जरूरत नहीं, बस लैपटॉप पर ऑनलाइन फार्म भरिए. नौकरी के लिए ऑनलाइन आवेदन. सब काम ऑनलाइन. आम आदमी को पानी-बिजली की किल्लत हो, बच्चे को स्कूल में एडमिशन नहीं मिल रहा या अन्य कोई भी समस्या है.. बस घर बैठे ऑनलाइन शिकायत भेज दें. बाकी सारा ‘आप’ करेगी. ‘आप’ का सारा काम पेपर लेस होगा..यानी ऑनलाइन.. इससे पर्यावरण की रक्षा होगी.

गजोधर कहते हैं कि जो काम इस देश में सालों से कांग्रेसी, भाजपाई या अपने को सर्वहारा कहने वाले कम्युनिस्ट नहीं कर पाये. ‘आप’ थोड़े दिन में कर दिखायेगी. आजादी के इतने साल बाद भी भले अब तक देश के हर गांव में बिजली नहीं पहुंची, लेकिन ‘आप’ ने थोड़े ही दिन में पूरा देश ऑनलाइन करने की ठान ली है. इसमें थोड़ा समय लग भी जाये तो क्या दिक्कत है. एक बार ऑनलाइन ने लाइन पकड़ लिया, तो फटाफट.. और आप हैं कि कुमार विश्वास बकलोल की तरह बोल रहा है, राहुल गांधी-प्रियंका को बबली-बंटी और खुद को आम आदमी नहीं ब्राह्मण का बेटा बताता है. प्रशांत भूषण हर बात पर जनमत संग्रह करवाने की बात कहते घूम रहे हैं. अरे भाई आम आदमी को ऑनलाइन होने दीजिए.. ये विश्वास-भूषण जैसे बहुत लोग लाइन पर आ जायेंगे या बे-लाइन हो जायेंगे. मैंने कहा, गजोधर, आम आदमी कहां से लायेगा लैपटॉप, टैबलेट या इंटरनेट वाला मोबाइल? वह तो अभी तक बिजली-पानी किल्लत और महंगाई से दबा था, इसीलिए ‘आप’ को ले आया. सोचा था कि ‘आप’ के नेता सब कुछ रातों-रात बदल देंगे. महंगाई कम होगी, रोजगार मिलेगा. जीवन पटरी पर आयेगा. पर ‘आप’ ऑनलाइन के चक्कर में पूरे देश को टोपी पहनाने पर उतर आये हैं. गजोधर भाई की कुटिल मुस्कान उभर आयी.. बोले- तुम रहोगे हमेशा आम आदमी ही. अरे देश को ऑनलाइन तो होने दो….

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