किसान हित में नीति

बड़े दुख की बात है कि पंजाब में फिर दो किसानों ने कर्ज के चलते आत्महत्या कर ली. सवाल उठता है कि देश की अधिकतर जनसंख्या का पेट पालनेवाला किसान स्वयं कर्ज तले डूबा हुआ है. किसानों द्वारा लगातार आत्महत्या किया जाना सरकार की नीतियों की विफलता को उजागर करता है. बड़े कर्जदार बैंकों से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 23, 2016 11:55 PM
बड़े दुख की बात है कि पंजाब में फिर दो किसानों ने कर्ज के चलते आत्महत्या कर ली. सवाल उठता है कि देश की अधिकतर जनसंख्या का पेट पालनेवाला किसान स्वयं कर्ज तले डूबा हुआ है.
किसानों द्वारा लगातार आत्महत्या किया जाना सरकार की नीतियों की विफलता को उजागर करता है. बड़े कर्जदार बैंकों से लोन लेने के पश्चात खुद को दिवालिया घोषित कर देते हैं या फिर बैंक उनके कर्ज को माफ कर देता है. सरकार को किसानों के हित में नीतियां बनानी होंगी अन्यथा कृषि किसानों के लिए अभिशाप ही साबित होगी.
अमित, आदित्यपुर

Next Article

Exit mobile version