सजगता से बदलेगी विकास की सूरत

किसी की कमियां निकालना सबसे आसान काम होता है. सुबह-शाम चाय की दुकान पर लगी भीड़ में लोग सरकारें और राजनीति की बातें किया करते हैं. कुछ प्रशंसा करते हैं, तो अधिकतर लोग आलोचना. आसान काम तो हर कोई करता है. मुश्किल काम तो आप करें. आइए कुछ मुश्किल काम करने की विचार मन में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 23, 2016 11:55 PM
किसी की कमियां निकालना सबसे आसान काम होता है. सुबह-शाम चाय की दुकान पर लगी भीड़ में लोग सरकारें और राजनीति की बातें किया करते हैं. कुछ प्रशंसा करते हैं, तो अधिकतर लोग आलोचना. आसान काम तो हर कोई करता है. मुश्किल काम तो आप करें.
आइए कुछ मुश्किल काम करने की विचार मन में लाएं. सामाजिक विकास की गाड़ी कहां तक दौड़ी है और कब, कहां, कैसे घोटाले हो गये, इसका पता लगा कर हम एक जिम्मेदार नागरिक होने का भी फर्ज अदा कर सकते हैं.
इसकी शुरुआत आप अपने मोहल्ले से करें. क्या आपके मोहल्ले का जितना विकास होना चाहिए था उतना हो पाया है? यदि नहीं, तो आपकी मदद के लिए सूचना अधिकार अधिनियम-2005 है. इसके जरिये आप सूचना एकत्र कर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया के द्वारा लोगों में संदेश पहुंचा सकते हैं.
ऐसा करने से न सिर्फ आपके मन को सुकून मिलेगा, प्रशासन व प्रतिनिधियों की नींदें भी उड़ा सकते हैं. हमारी एक सजगता से न जाने कितने भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है. निर्णय लेने में देर क्यों विकास के लिए सवाल करें.
लाडली गीता, धनबाद

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