साहसिक कदम

जब से झारखंड बना, स्थानीय नीति की बातें तो सभी कर रहे थे लेकिन किसी ने इसे लागू करने का जोखिम नहीं लिया. यह निस्संदेह रघुवर सरकार का साहसिक कदम है जिससे झारखंड विकास की ओर एक कदम और बढ़ गया. लेकिन इससे विभिन्न झारखंड नामधारी दलों का राजनीतिक आधार छिन गया जिससे उनमें बेचैनी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 25, 2016 12:34 AM
जब से झारखंड बना, स्थानीय नीति की बातें तो सभी कर रहे थे लेकिन किसी ने इसे लागू करने का जोखिम नहीं लिया. यह निस्संदेह रघुवर सरकार का साहसिक कदम है जिससे झारखंड विकास की ओर एक कदम और बढ़ गया. लेकिन इससे विभिन्न झारखंड नामधारी दलों का राजनीतिक आधार छिन गया जिससे उनमें बेचैनी है. अब किस बात पर राजनीति करेंगे. खैर जो भी हो, इसका लाभ सभी स्थानीय आबादी को मिलेगा और एक तरह से यह अटका हुआ था.
वैसे तो झारखंड आदिवासी संरक्षित राज्य है लेकिन उन्हें रोजी-रोजगार में अलग से आरक्षण सहित कई लाभ मिलते हैं. कोई 64/32 को स्थानीय नीति का आधार वर्ष बनाने की बात कर रहा था कोई 2000 ई को. यदि 64/32 को आधार माना जाता तो गिने-चुने लोगों को ही इसका लाभ मिल पाता़ लेकिन रघुवर सरकार के फैसले से राज्य की अधिकांश जनता लाभान्वित होगी़
नवीन कुमार सिन्हा, ई-मेल से

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