उजाले की दस्तक से निखरता भारत
जैसे रेगिस्तान की तपती दुपहरी में अचानकमरुधान मिले, वैसे ही भ्रष्टाचार और नीतिगतजड़ता से ग्रस्त भारत को मिला 2014 का नयाजनादेश- नरेंद्र दामोदर दास मोदी को भारत का प्रधानमंत्रीबनाने का जनादेश. जिस सरकार का प्रारंभ ही ‘सबकासाथ-सबका विकास’ के मंत्र से हुआ हो, स्वाभाविक हीथा कि उसके शपथ ग्रहण में न केवल देश के कोने-कोने […]
जैसे रेगिस्तान की तपती दुपहरी में अचानकमरुधान मिले, वैसे ही भ्रष्टाचार और नीतिगतजड़ता से ग्रस्त भारत को मिला 2014 का नयाजनादेश- नरेंद्र दामोदर दास मोदी को भारत का प्रधानमंत्रीबनाने का जनादेश. जिस सरकार का प्रारंभ ही ‘सबकासाथ-सबका विकास’ के मंत्र से हुआ हो, स्वाभाविक हीथा कि उसके शपथ ग्रहण में न केवल देश के कोने-कोने सेहर वर्ग और प्रांत के श्रेष्ठ तपस्वी, साधक, विद्वान उपस्थितहुए, बल्कि सभी पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्ष और प्रधानमंत्रीभी उत्साहपूर्वक शामिल हुए. विश्व ने चकित होकर, जबकिभारत के सवा अरब नागरिकों ने नवीन उत्साह और आह्लादके साथ नवीन प्रभात देखा और देखा नवीन चुनौतियों काअंबार.
पहला कदम था- भारत के भविष्य में जनता के विश्वासको स्थापित करना. हां हम कर सकते हैंं- हम जीत सकतेहैं- हम भ्रष्टाचार और ठहराव के अंधेरे को चीर कर विश्वमें शक्तिशाली, सुरक्षित, समर्थ और सफल राष्ट्र के रूप मेंउभर सकते हैं, यह विश्वास. ‘हम सब एक हैं’- भारत केविकास के लिए एक साथ काम करेंगे’- यह था प्रधानमंत्रीका प्रगति सूत्र. पिछली सरकारों की तुलना में छोटामंत्रिमंडल, दफ्तर में सबको समय पर आने की आदततुरंत डालना, जनता के प्रति जवाबदेही और पारदर्शिता,ईमानदारी से कार्य को पूरा करना, प्रारंभिक पायदान कीसफलताएं रहीं. कामकाज फिर होने लगा. देरी और द्वेषपूर्णभ्रष्टता खत्म करने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लियागया. ऑनलाइन आवेदन होने लगे. महिला सशक्तीकरणऔर बाल विकास में अभूतपूर्व नये आयाम जुड़े. विदेशीनिवेश में आसानी हुई. राजमार्गनिर्माण व नदी जलमार्गों मेंविश्व कीर्तिमान बने- दो किमी प्रतिदिन बननेवाली सड़कें20 किमी बनने लगीं, लक्ष्य है 30 किलोमीटर प्रतिदिन.भारत ने विदेश नीति में प्रथम वरीयता अपने मित्र पड़ोसी देशको दी और नरेंद्र मोदी की पहली विदेश यात्रा भूटान की हुई.जय पशुपतिनाथ के घोष के बीच प्रधानमंत्री जब काठमांडूपहुंचे, तो उन्होंने वहां की संसद में ‘युद्ध से बुद्ध’ की ओरचलने का आह्वान किया. न्यूयार्क में मेडिसन स्क्वायर सेगूंजा ‘भारत माता की जय’ का गगनभेदी उद्घोष विश्व कोअपनी ओर खींच गया, तो चीन में योग का प्रदर्शन चीनियोंको एक नये आत्मविश्वासी भारत का परिचय दे गया. यहसब केवल वार्ताओं और सेल्फियों तक सीमित न था.अमेरिका से 20 हजार करोड़ रुपये के पूंजी निवेश, फ्रांससे नागरिक परमाणु सहयोग, जापान से ढांचागत निर्माण केक्षेत्र में अगले 20 वर्षों हेतु 20 लाख करोड़ के समझौते- वेभी अत्यंत आसान और लगभग नगण्य ब्याज पर लंबे ऋणके करार पर, कनाडा से जापान परमाणु सहयोग- यह सूचीलंबी है. कुल 98.78 अरब डॉलर का पूंजी निवेश इतनेसमय में प्राप्त होना- आजादी के बाद का सबसे सुखदआश्चर्य है.
प्रथम 12 महीनों में 18 देशों की यात्रा, यह अब तकका अजूबा ही था. धर्म, संस्कृति, सभ्यता और परंपरा काजो मंगलगान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रारंभ हुआ,उसने भारतीय भाषाओं के सम्मान का ध्वज अमेरिका सेलेकर चीन, यूके और सऊदी अरब तक फहराया. तबदुनिया चमत्कृत हुई, जब संयुक्त राष्ट्र में 22 जून कोअंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित कराने के लिए 177 देशों नेभारत के पक्ष में मतदान किया.
इन सबके साथ, समानांतर चल रहा था प्रधानमंत्री केहृदय को सबसे ज्यादा छूनेवाला विषय- गांव, गरीब औरकिसान. फसल बीमा, किसानों को पेंशन, मजदूरों को12 रुपये वार्षिक प्रीमियम पर बीमा और पेंशन, जन-धनयोजना द्वारा करोड़ों लोगों को जीवन में पहली बार बैंकिंगके मुख्य प्रवाह में जोड़ना. साथ ही एक चमत्कार की तरहघटित होनेवाला उज्ज्वला अभियान, जो प्रधानमंत्री द्वारा कीगयी अपील से इतने बड़े पैमाने पर सफल होगा, यह देखस्वयं उनको भी आश्चर्य हुआ. एक करोड़ से ज्यादा लोगों नेस्वेच्छा से अपनी एपीजी सब्सिडी छोड़ी और उसके कारणकरोड़ों उन महिलाओं की रसोई में व्याप्त अंधेरा दूर हुआ,
जो उनकी आंखों और जीवन को ग्रस रहा था.
अक्सर कहा जाता है कि अमेरिका या यूरोप धनी हैं,इसलिए वहां बड़े राजमार्ग हैं
. यह गलत है. वहां बड़े औरसघन राजमार्ग हैं, इसलिए वहां की आर्थिक स्थिति अच्छीहुई. भारत में यदि गांव-शहर-महानगर आपस में अच्छीतरह जुड़ जायेंगे, तो पूरा भारत एक बड़े गांव में तब्दील होकर नये आर्थिक विकास का युग रचेगा. सिर्फ प्रधानमंत्रीग्राम सड़क योजना के तहत वर्ष 2016-17 के लिए तीसहजार करोड़ रुपये निर्धारित किये गये हैं.
याद है न सोवियत संघ के मॉडल पर बना लंबा,उबाऊ, थका देनेवाला योजना आयोग. मोदी सरकार नेयोजना आयोग को खत्म कर उसके स्थान पर एक बेहतरऔर राज्यों को ज्यादा अधिकार देनेवाला विकेंद्रीकृत नीतिआयोग बनाया. नयी सरकार ने निर्णय प्रक्रिया को तेज कियाऔर नतीजा निकला कि जहां भारत विदेशी पूंजी निवेश केसबसे पसंदीदा देशों में 2013 में 15वें स्थान पर था, वहीं2015 में पहले स्थान पर आ गया. एक लंबा सफर, परलम्हों में तय हो गया.
महान शौर्यवान भारतीय जवानों की 44 साल पुरानीमांग को पूरा किया नरेंद्र मोदी सरकार ने, जब ओआरओपीको मंजूर कर जवानों की बहादुरी को प्रणाम किया गया.रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए 20हजार करोड़ के मेक इन इंडिया रक्षा उपकरण डीआरडीओजैसी संस्थाओं के माध्यम से बने. साथ ही रक्षा क्षेत्र में 49प्रतिशत विदेशी पूंजी निवेश को स्वीकृति दी गयी.
रियल एस्टेट कानून बना कर लाखों उन उपभोक्ताओंको सुरक्षा प्रदान की गयी, जो रियल एस्टेट ‘शार्क’ और‘व्हेलों’ के शिकार हो जाते थे. अब प्रत्येक रियल एस्टेटडेवलपर को 70 प्रतिशत उपभोक्ता धन अलग खाते मेंसुरक्षित रख कर केवल उसी उद्देश्य के लिए खर्च करनाहोगा, जिसके लिए वह एकत्र किया गया था.एक अनंत आकाश हमारे भविष्य के लिए खुला, रचाऔर बसा. यह इक्कीस चरणीय प्रगति गाथा एक विश्वकीर्तिमान है. 1. डिजिटल इंडिया, 2. प्रधानमंत्री जन-धनयोजना 3. स्वच्छ भारत 4. मेक इन इंडिया 5. सांसदआदर्श ग्राम योजना 6. अटल पेंशन योजना 7. प्रधानमंत्रीआवास योजना 8. जीवन ज्योति बीमा योजना 9. सुरक्षाबीमा योजना 10. कृषि सिंचाई योजना 11. कौशल विकासयोजना 12. मुद्रा बैंक योजना 13. सुकन्या समृद्धि योजना14. डिजी लॉकर योजना 15. इ-बस्ता योजना 16.एलपीजी सब्सिडी व उज्ज्वला योजना 17. सागर मालायोजना 18. स्मार्ट सिटी योजना 19. स्कूल नर्सरी योजना20. नयी मंजिल योजना 21. स्वर्ण मोनेटाइजेशन योजना.
देश में पहली बार अनुसूचित जातियों के लिए डॉ बाबासाहब आंबेडकर की 125वीं जयंती पर असाधारण विकासऔर छात्रवृत्ति योजनाएं शुरू हुई. प्रधानमंत्री मोदी डॉआंबेडकर स्मारक व्याख्यान देनेवाले पहले प्रधानमंत्री हीनहीं बने, बल्कि बाबा साहेब के जीवन से जुड़े पांच स्थानोंको- लंदन से महू तक- पंचतीर्थ के रूप में विकसित करनेकी योजना शुरू हुई. अल्पसंख्यक छात्रों के लिए विशेषतालीम और हुनर योजनाएं लाखों अल्पसंख्यक नौजवानोंको नयी मंजिल की ओर ले जा रही हैं.