नेताओं का मुद्दा

चाहे देश में सूखा पड़े या बाढ़ आये, राजनीतिक दलों को तो बस अपनी दुकान चलानी है. बयानबाजी द्वारा एक-दूसरे पर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष आरोप लगाने हैं. सवाल उठता है कि क्या जनप्रतिनिधियों का कर्तव्य इन्हीं मुद्दों तक सीमित रह गया है? अब सलमान खान को रियो ओलिंपिक का गुडविल एंबेसडर बनने पर राजनीतिक दल विरोध और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 2, 2016 6:46 AM
चाहे देश में सूखा पड़े या बाढ़ आये, राजनीतिक दलों को तो बस अपनी दुकान चलानी है. बयानबाजी द्वारा एक-दूसरे पर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष आरोप लगाने हैं. सवाल उठता है कि क्या जनप्रतिनिधियों का कर्तव्य इन्हीं मुद्दों तक सीमित रह गया है? अब सलमान खान को रियो ओलिंपिक का गुडविल एंबेसडर बनने पर राजनीतिक दल विरोध और समर्थन में जुटने लगे हैं.
ऐसा लगता है कि देश में कोई भी कदम उठाने से पहले उसका ठीक तरह से आकलन नहीं किया जाता. सभी दलों को अपने कर्तव्य और जिम्मेदारियों के प्रति जवाबदेह होना चाहिए, वरना ऐसे तो जनप्रतिनिधि विकास के पथ से हटते नजर आयेंगे.
गुंजन, शर्मा

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