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क्या करोगे भविष्य में?
बचपन से लेकर आज तक न जाने कितनी बार हम बच्चों से एक ही सवाल पूछा जा रहा है, बड़े होकर क्या बनने का इरादा है? जवाब में पेंटर, गायक के साथ डांसर भी आते थे. थोड़े बड़े हुए तो पता चला कि एक प्रचलन बना हुआ है, खुद को इंट्रोड्यूस करते वक्त एक लाइन […]
बचपन से लेकर आज तक न जाने कितनी बार हम बच्चों से एक ही सवाल पूछा जा रहा है, बड़े होकर क्या बनने का इरादा है? जवाब में पेंटर, गायक के साथ डांसर भी आते थे. थोड़े बड़े हुए तो पता चला कि एक प्रचलन बना हुआ है, खुद को इंट्रोड्यूस करते वक्त एक लाइन जोड़ना अच्छा रहता है, आइ वांट तू बिकम एन इंजीनियर.
कोई पाइलट तो कोई डॉक्टर! लेकिन 12वीं के बाद पूछने वालों को एक निश्चित और अटल जवाब की अपेक्षा होती है. जिस कारण से ज्यादातर बच्चे इंजीनियर, कई डॉक्टर बनने की इच्छा जाहिर करते हैं. आखिर क्यों ना हो, उनके भइया जो इस सेक्टर में नाम कमा रहे हैं, या खुद उनके दोस्त को भी तो इस में रुचि रखते हैं.
दरअसल यह समय है सीखने का, उनमें असफलता मिले तो आगे बढ़ने का, दूसरी बार असफलता मिले तो रास्ता बदलने का, गलतियां करने का, क्योंकि इससे हम सीखते हैं. दूसरे रास्ते अपनाने का, मस्ती करने का, कहीं गुम हो जाने का… और हां फिर से बदलने का, क्योंकि कुछ भी स्थायी नहीं है. इससे हम अपने और करीब आ जायेंगे और अगर फिर कोई पूछेगा, क्या करोगे भविष्य में?, तो हमें इधर-उधर देखने कि जरूरत नहीं होगी क्योंकि हमें पता होगा!
अमन चौधरी, देवघर
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