नशा छोड़ोगे या जिंदगी!
एक तरफ हम अपनी जिंदगी की चाह रखते हैं. जिंदगी के लिए न जाने कितनी मेहनत करते हैं. दिन-रात मेहनत करके हम अपने तथा अपने परिवार की जिंदगी को संवारने की कोशिश करते हैं. वहीं, दूसरी ओर हम अपने ही हाथों जहर का सेवन कर रहे हैं. शराब, गुटखा, सिगरेट इत्यादि मादक पदार्थ जहर से […]
एक तरफ हम अपनी जिंदगी की चाह रखते हैं. जिंदगी के लिए न जाने कितनी मेहनत करते हैं. दिन-रात मेहनत करके हम अपने तथा अपने परिवार की जिंदगी को संवारने की कोशिश करते हैं. वहीं, दूसरी ओर हम अपने ही हाथों जहर का सेवन कर रहे हैं.
शराब, गुटखा, सिगरेट इत्यादि मादक पदार्थ जहर से ज्यादा दुख-तकलीफ देती है. नशा हमें मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से कमजोर कर रही है. फिर क्यों हम इस जहर का सेवन कर रहे हैं.
नशा करनेवाले कम से कम अपने परिवार को ध्यान में रख कर इस जहर को पीना छोड़ दें. ताकि इस अनमोल जिंदगी को उजड़ने से बचाया जा सके. सड़क पर हो रहे हादसे के लिए भी नशा ही तो जिम्मेदार है.
उज्ज्वल कुमार दास, चतरा