संकीर्णताओं से ऊपर उठे जनता

पिछले दिनों प्रभात खबर में प्रकाशित ‘देश तोड़ने पर तुले नेता!’ शीर्षक से छपा हरिवंश जी का लेख पढ़ा. इसमें बहुत अच्छी तसवीर आज के नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों और दलों की पेश की गयी है. देश के लिए दर्द और तड़प की झलक है. देश की वर्तमान स्थिति अत्यंत विकट है. इसके जिम्मेवार हमारे सभी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 21, 2014 5:51 AM

पिछले दिनों प्रभात खबर में प्रकाशित ‘देश तोड़ने पर तुले नेता!’ शीर्षक से छपा हरिवंश जी का लेख पढ़ा. इसमें बहुत अच्छी तसवीर आज के नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों और दलों की पेश की गयी है. देश के लिए दर्द और तड़प की झलक है. देश की वर्तमान स्थिति अत्यंत विकट है.

इसके जिम्मेवार हमारे सभी राजनीतिक दल हैं, चाहे कुछ की विवशता ही क्यों न हो. सभी राजनीतिक दलों का एकमात्र लक्ष्य सत्ता प्राप्त करना है और इसके लिए सभी प्रकार के हथकंडे उनके द्वारा अपनाये जाते हैं. अधिकतर ने समाज के सभी क्षेत्रों में अपना संगठन तैयार कर रखे हैं जो उन्हें चुनाव में सहयोगी भूमिका अदा कर सकें.

यह राजनीतिक व्यवस्था जर्जर हो चुकी है, जो हर इनसान को प्रभावित कर रही है. आम जनता को सभी संकीर्णताओं से ऊपर उठ कर आगे आना होगा, तभी कुछ संभव है.

डॉ अनिल कुमार सिन्हा, ई-मेल से

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