अच्छे दिन का जुमला
गरीबी तभी दूर होगी, जब खाद्य पदार्थ सस्ते होंगे़ ताकि गरीब भी अपना पेट भर सकें. आज सब्जियों की कीमतें बढ़ी हुई हैं, दालों ने भी अपना मुंह खोल दिया है. डेढ़-दो सौ रुपये प्रति किलो दाल की कीमत होने पर गरीब इससे वंचित हो गये हैं. हर चीज की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी […]
गरीबी तभी दूर होगी, जब खाद्य पदार्थ सस्ते होंगे़ ताकि गरीब भी अपना पेट भर सकें. आज सब्जियों की कीमतें बढ़ी हुई हैं, दालों ने भी अपना मुंह खोल दिया है. डेढ़-दो सौ रुपये प्रति किलो दाल की कीमत होने पर गरीब इससे वंचित हो गये हैं.
हर चीज की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी का जीना दूभर कर दिया है. भाजपा सरकार का वादा केवल जुमले तक सिमट कर रह गया है.
शैलेश सिन्हा, रांची