अपना न सही, जनता का तो ख्याल करें
जब पार्टी के उच्च अधिकारी ही नरेंद्र मोदी के बारे में अशोभनीय बातें करेंगे तो आम आदमी पर इसका क्या असर होगा? ऐसा कर के नेता खुद की छवि खराब कर रहे हैं. साथ ही विपक्षी की जीत भी पक्की कर रहे हैं. ऐसा करनेवाले के मन में विपक्षी के जीत जाने का डर भी […]
जब पार्टी के उच्च अधिकारी ही नरेंद्र मोदी के बारे में अशोभनीय बातें करेंगे तो आम आदमी पर इसका क्या असर होगा? ऐसा कर के नेता खुद की छवि खराब कर रहे हैं. साथ ही विपक्षी की जीत भी पक्की कर रहे हैं. ऐसा करनेवाले के मन में विपक्षी के जीत जाने का डर भी है, जो उसे यह करने को उकसाता है.
आम जनता का क्या है, हम तो बस इतना सोचते हैं कि प्रधानमंत्री वो बने जो अपने साथ-साथ हमारे बारे में भी सोचे. हम आम जनता को सरकार ये ना कहे कि सबको नौकरी दे पाना संभव नहीं. जनता को साल में पांच महीने प्याज ना खाने की कसम ना खानी पड़े.
जनता को महंगाई इठला कर मुंह चिढ़ा कर ये ना कहे कि अब भुगतो! ये तो तुम्हारी चुनी सरकार है. हम आम जनता उम्मीद करते हैं कि सरकार हमारे लिए भी काम करे जब वे नहीं करते हैं तो हम अगली बार किसी और से उम्मीद लगा लेते हैं.
शिखा रानी, गोड्डा