जब डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हो रहा था, सकल घरेलू उत्पाद घट रहा था, पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे थे, शेयर बाजार में मायूसी छायी हुई थी, तब भाजपा के यशवंत सिन्हा मीडिया में तरह-तरह के बयान दे रहे थे. आज भारत की अर्थव्यवस्था पुन: पटरी पर आ गयी है.
रुपया, डॉलर की तुलना में मजबूत होकर 62 रुपये के आसपास आ गया, शेयर बाजार अपने उच्चतम स्तर को बार-बार छू रहा है एवं मुद्रास्फीति कम होने लगी और राजस्व घाटा भी नियंत्रण में आ गया है, ऐसे समय में इस मुद्दे पर भाजपा में सन्नाटा छाया हुआ है और सिन्हा जी कहीं लापता हो गये हैं. अत: हमें समझना चाहिए कि जल्दी का काम शैतान का होता है. विपरीत परिस्थितियों में हमें घबराना नहीं चाहिए. वित्तमंत्री और आरबीआइ गवर्नर जो काम कर रहे हैं, उसमें हमें भरोसा रखना चाहिए.
डॉ भुवन मोहन, हिनू, रांची