बस संचालकों की मनमानी

झारखंड में निजी बस संचालकों की मनमानी बदस्तूर जारी है. कई बार चार बसों की सवारी एक बस में भर कर भेज दी जाती है. टिकट कटने तक इनके कर्मचारी सवारी से सही सलूक करते हैं, लेकिन जैसे ही आपने टिकट बुक करायी, इनकी मनमानी शुरू हो जाती है. बहुत हद तक संभव है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2016 1:10 AM
झारखंड में निजी बस संचालकों की मनमानी बदस्तूर जारी है. कई बार चार बसों की सवारी एक बस में भर कर भेज दी जाती है. टिकट कटने तक इनके कर्मचारी सवारी से सही सलूक करते हैं, लेकिन जैसे ही आपने टिकट बुक करायी, इनकी मनमानी शुरू हो जाती है.

बहुत हद तक संभव है कि आधी दूरी जाने के बाद आपको दूसरे बस में डाल कर भेज दिया जाये़ ऐसे में वैसे लोग जिनके पास ज्यादा सामान है या परिवार के साथ सफर कर रहे होते हैं, उन्हें मन मसोसकर इनकी खराब सर्विस झेलनी पड़ती है. आप किसी से शिकायत कर भी नहीं सकते क्योंकि प्रायः सभी निजी बसें अपने नियम से चलती हैं. न कोई प्रशासन काम आता है न झारखंड का परिवहन विभाग. सबके अपने-अपने हित हैं.

नवीन कुमार सिन्हा, जमशेदपुर

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