यह दलील नहीं चलेगी !
आम आदमी पार्टी के समर्थक सोमनाथ भारती के बचाव में बार-बार यह दलील दे रहे हैं कि मंत्री ने जनता के कहने पर युगांडा की महिलाओं के यहां रेड डलवाया. यह हास्यास्पद दलील है. इस बात को कोई कैसे न्यायोचित ठहरा सकता है कि जनता के कहने पर कोई मंत्री बिना सबूत किसी महिला की […]
आम आदमी पार्टी के समर्थक सोमनाथ भारती के बचाव में बार-बार यह दलील दे रहे हैं कि मंत्री ने जनता के कहने पर युगांडा की महिलाओं के यहां रेड डलवाया. यह हास्यास्पद दलील है. इस बात को कोई कैसे न्यायोचित ठहरा सकता है कि जनता के कहने पर कोई मंत्री बिना सबूत किसी महिला की इज्जत उतार दे. ये लोग यह क्यों नहीं समझते कि यह जनता नाम की प्राणी भी कम थोड़े ही है. यह जनता ही है, जो आज भी किसी महिला को डायन बता कर जला डालती है. यह जनता ही है, जो दो लोगों के प्रेम करने पर सजा-ए-मौत का फरमान सुना देती है.
यह जनता ही है, जो एक मामूली चोरी में पकड़े जाने पर किसी किशोर को पीट-पीट कर मार डालती है और बड़े-बड़े चोरों के आगे-पीछे घूमती है. भाई साहब, अगर जनता के कहने पर ही सब कुछ करना है, तो अदालतें भंग कर दीजिए, कानून का शासन समाप्त कर दीजिए. हो सकता है कि जनता ने मंत्री से कहा कि फलाने घर में वेश्यावृत्ति चलती है, लेकिन मंत्री को एक्शन लेने से पहले कुछ तो पड़ताल करा लेनी चाहिए थी. यह दुर्भाग्यप्रू्ण है कि अच्छे-भले समझदार लोग भी कई बार जब एक लहर में बहने लगते हैं तो इंसाफ की बातें भी उन्हें नाइंसाफी प्रतीत होने लगती हैं.
दरअसल, कांग्रेस और भाजपा समेत करीब-करीब तमाम दलों ने जनता को इतनी बुरी तरह निराश और हताश कर दिया है कि आज वह आगे-पीछे कुछ नहीं देख पा रही है. इन सबसे पिंड छुड़ाने के लिए वह अराजकतावादी, तानाशाह, नक्सली अथवा विचारविहीन महत्वाकांक्षी लोगों को भी गले लगाने को तैयार है. यह एक खतरनाक स्थिति है. लेकिन इन सबके बावजूद हमारा लोकतंत्र बड़ा ख़ूबसूरत है, इसे अभी और ख़ूबसूरत बनाना है.
सतीश कुमार सिंह, रांची