जजों की संख्या बढ़े

ऐसी खबरें आती हैं कि हमारे देश में जजों की भारी कमी है. यही वजह है कि हजारों-लाखों की संख्या में मामले वर्षों तक लंबित पड़े रहते हैं. आंकड़े बताते हैं कि हमारे देश में 10 लाख की आबादी पर केवल 18 जज हैं. लोकतंत्र की सफलता कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका की कुशलता और त्वरित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2016 6:36 AM

ऐसी खबरें आती हैं कि हमारे देश में जजों की भारी कमी है. यही वजह है कि हजारों-लाखों की संख्या में मामले वर्षों तक लंबित पड़े रहते हैं. आंकड़े बताते हैं कि हमारे देश में 10 लाख की आबादी पर केवल 18 जज हैं. लोकतंत्र की सफलता कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका की कुशलता और त्वरित न्याय पर निर्भर करती है. विधि आयोग की सिफारिशों के मुताबिक यह संख्या 50 होनी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस भी प्रधानमंत्री से जजों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध कर चुके हैं. लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हैं, लेकिन अगर न्यायालय में न्याय देर से मिले तो यह उनके साथ अन्याय से ज्यादा कुछ नहीं है़

कृष्णकांत मंडल, रांची

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