विकृत मानसिकता के मुंह पर एक तमाचा

पिछले दिनों प्रभात खबर में छपी एंकर स्टोरी अच्छी लगी. इसमें आगरा के एक ऐसे कैफे के बारे में जानकारी दी गयी थी, जिसे एसिड हमले की शिकार महिलाएं चलाती हैं. मुझे लगता है कि यह एसिड हमला करनेवालों और उस तरह की घृणित मानसिकता रखनेवाले लोगों के लिए एक बड़ा उदाहरण है, जो अपनी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2016 6:36 AM
पिछले दिनों प्रभात खबर में छपी एंकर स्टोरी अच्छी लगी. इसमें आगरा के एक ऐसे कैफे के बारे में जानकारी दी गयी थी, जिसे एसिड हमले की शिकार महिलाएं चलाती हैं. मुझे लगता है कि यह एसिड हमला करनेवालों और उस तरह की घृणित मानसिकता रखनेवाले लोगों के लिए एक बड़ा उदाहरण है, जो अपनी मर्दानगी सिद्ध करने के लिए एसिड अटैक कर महिलाओं का चेहरा विकृत कर देते हैं. ऐसे लोग महिलाओं का अस्तित्व केवल उनके चेहरे से जोड़ कर देखते हैं.
सबसे आश्चर्यजनक और तकलीफदेह बात है कि स्त्री हिंसा के खिलाफ सामाजिक बहिष्कार के बदले हमारा समाज मूकदर्शक बना रहता है. इससे ऐसा करनेवालों का भी हौसला बढ़ता है. ऐसे में पीड़ित महिलाओं को उम्मीद की नयी रोशनी दिखाने का यह प्रयास वाकई प्रशंसनीय है.
सीमा साही, बोकारो

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