खिलाड़ी पर खींचतान

देश में खेल की दशा और दिशा बिगाड़ने में नेताओं की बड़ी भूमिका रही है. खेल संघों और सरकार की उदासीनता और लापरवाही के बावजूद जब खिलाड़ी मुश्किलों से जूझते हुए लगन और प्रतिभा से ऊंचा मुकाम हासिल करता है, तब हमारे नेतागण उसका श्रेय लेने और उसकी जीत के जरिये अपना नाम चमकाने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2016 6:37 AM

देश में खेल की दशा और दिशा बिगाड़ने में नेताओं की बड़ी भूमिका रही है. खेल संघों और सरकार की उदासीनता और लापरवाही के बावजूद जब खिलाड़ी मुश्किलों से जूझते हुए लगन और प्रतिभा से ऊंचा मुकाम हासिल करता है, तब हमारे नेतागण उसका श्रेय लेने और उसकी जीत के जरिये अपना नाम चमकाने के लिए आगे आ जाते हैं. उधर, पीवी सिंधु ने रियो में रजत पदक जीता, इधर, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों ने उस पर इनामों की बरसात कर दी़. अगर शाबासी के रूप में धन, जमीन और नौकरी देने तक बात रहती, तो इसका स्वागत किया जा सकता है, लेकिन हद तो तब हो गयी, जब दोनों राज्य सिंधु पर अपनी-अपनी दावेदारी करने लगे.

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कह दिया कि अविभाजित राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में उनके पहले कार्यकाल के दौरान हुई पहलों के कारण सिंधु जैसी प्रतिभा पैदा हुई है. तेलंगाना के एक विशेष उत्सव में सिंधु की भागीदारी की तसवीरें साझा की गयीं और सरकार द्वारा उनके जोरदार स्वागत की तैयारी हो रही है. नायडू के उपहारों से अधिक देकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव बाजी मारने की कोशिश में हैं. ग्रेटर हैदराबाद की नगरपालिका ने विज्ञप्ति जारी कर दावा किया है कि 2005 के उसके एक खेल आयोजन से सिंधु की शानदार यात्रा प्रारंभ हुई है.

बहरहाल, सिंधु और उनके प्रशिक्षक पी गोपीचंद को इस प्रतिस्पर्द्धा का खूब फायदा होता दिख रहा है, पर यह भी याद किया जाना चाहिए कि लंदन ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतनेवाली साइना नेहवाल को आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने 50 लाख रुपये देने की घोषणा की थी, पर वे पैसा देना भूल गये. दो साल बाद 2014 की जुलाई में नेहवाल को तेलंगाना के एक मंत्री केटी रामाराव को ट्वीट करना पड़ा, तब उन्हें वह राशि मिली. दो दिन पहले तक देश की बेटी पीवी सिंधु आज दो राज्यों के दावे के दायरे में उलझी दिख रही है. होना तो यह चाहिए कि हमारे नेता और हमारी सरकारें खिलाड़ियों के प्रदर्शन से प्रेरणा लेकर नयी प्रतिभाओं के विकास को अपनी प्राथमिकता बनायें.

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