सामाजिक सुधार

समाज-जनता को भी अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है. समाज अगर ईमानदारी की कद्र नहीं करेगा और पैसों की पूजा करेगा, चाहे वह जैसे भी आया हो, तो वैसे समाज में ईमानदार होना बेमानी हो जायेगा. समाज की मानसिकता को ईमानदार बनाना होगा. पैसे के पीछे भागना छोड़ कर उसे व्यक्ति के गुणों की कद्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 23, 2016 1:38 AM
समाज-जनता को भी अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है. समाज अगर ईमानदारी की कद्र नहीं करेगा और पैसों की पूजा करेगा, चाहे वह जैसे भी आया हो, तो वैसे समाज में ईमानदार होना बेमानी हो जायेगा. समाज की मानसिकता को ईमानदार बनाना होगा.
पैसे के पीछे भागना छोड़ कर उसे व्यक्ति के गुणों की कद्र करना सीखना होगा. जुगाड़ से हमेशा आगे रहनेवाले लोगों को तिरस्कृत करना होगा. समाज में ईमानदारी को हक और वांछनीय मूल्य के तौर पर आदर देना होगा, नहीं तो सामाजिक दबावों में आ कर ईमानदार लोग टूटते-बिखरते रहेंगे और बेईमान लोग ईमान की कीमत सरेआम लगाते रहेंगे.
वाकई, भारत से भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए समाज, शासन, साहित्य, मीडिया अर्थात देश के हर अंग को अपने तरीके से लड़ाई लड़नी होगी. मीडिया और साहित्य को भी ईमानदारी के महत्व को जनता और समाज के सामने रखना होगा. मीडिया और साहित्य को मशाल की तरह जनता को राह दिखानी होगी. जनता को भी भ्रष्टाचारियों का सामाजिक बहिष्कार करना होगा.
राहुल सिंह, धनबाद

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