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अंधकार में डूबा भविष्य
देश की शिक्षा व्यवस्था आज भी लार्ड मैकाले द्वारा निर्धारित की गयी शिक्षा पद्धति के इर्द-गिर्द ही घूमती है, नतीजा घोर बेरोजगारी़ देश के हालात ऐसे हो गये हैं कि यहां स्नातक और स्नातकोत्तर के बाद भी जॉब नहीं मिलती़ वहीं दूसरी तरफ एक दसवीं पास आइटीआइ करके जॉब पा लेता है. आज हम उच्च […]
देश की शिक्षा व्यवस्था आज भी लार्ड मैकाले द्वारा निर्धारित की गयी शिक्षा पद्धति के इर्द-गिर्द ही घूमती है, नतीजा घोर बेरोजगारी़ देश के हालात ऐसे हो गये हैं कि यहां स्नातक और स्नातकोत्तर के बाद भी जॉब नहीं मिलती़ वहीं दूसरी तरफ एक दसवीं पास आइटीआइ करके जॉब पा लेता है.
आज हम उच्च शिक्षा के लिए विदेशों का मुंह देखते हैं, मगर हम खुद अपनी शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त नहीं करना चाहते़ हमारी शिक्षा पद्धति को सुधार की जरूरत है, ताकि हमारे युवाओं का भविष्य सुरक्षित हो सके़ हम यदि युवा शक्ति को बढ़ाने की बात करते हैं तो पहले हमें उसे एक सुनिश्चित भविष्य देना होगा और अगर ऐसा नहीं होता है तो हम पहले भी देश को बढ़ाने का सपना देख रहे थे और आगे भी देखते रहेंगे़
रोहित कुमार पाठक, नयी दिल्ली
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