बेटियां किसी से कम नहीं

रियो ओलिंपिक में कांस्य पदक जीत कर पीवी सिंधु और साक्षी मलिक ने इतिहास रचा है़ बैडमिंटन में रजत और कुश्ती में कांस्य पदक जीतने वाली वे देश की पहली महिला खिलाड़ी बनी हैं. इस उपलब्धि से उन्होंने यह साबित कर दिया है कि लड़कियां किसी से कम नहीं हैं. जब देश को पदक की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2016 12:27 AM
रियो ओलिंपिक में कांस्य पदक जीत कर पीवी सिंधु और साक्षी मलिक ने इतिहास रचा है़ बैडमिंटन में रजत और कुश्ती में कांस्य पदक जीतने वाली वे देश की पहली महिला खिलाड़ी बनी हैं. इस उपलब्धि से उन्होंने यह साबित कर दिया है कि लड़कियां किसी से कम नहीं हैं. जब देश को पदक की जरूरत थी, तब बेटियां ही काम आयीं़ बात चाहे विमान उड़ाने की हो या पुरुष प्रधान खेल कुश्ती में पदक जीतने की, बेटियां हर क्षेत्र में आगे हैं.
यह बात उन माता-पिता के लिए एक सीख है जो अपनी बेटी को या तो कोख में मार देते हैं या फिर उन्हें जिंदगी में आगे नहीं बढ़ने देते़ समाज यह समझे कि लड़कियां सज्जा मात्र की वस्तु नहीं हैं. लड़कों के समान वे भी अपने माता-पिता के साथ देश के गौरव में चार चांद लगा सकती हैं. आगे बढ़ने में समाज उनका साथ दे.
संजना शिप्पी, बरियातू, रांची

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