लोगों को बहका रहे नेता

जब से झारखंड सरकार ने स्थानीय नीति घोषित की है, ऐसा लगता है कि विभिन्न झारखंड नामधारी दलों से मुद्दा ही छिन गया है. उनकी ऐसी ही नीतियों के कारण जनता उनसे दूर होती जा रही है. जब भी झारखंड को इनके सहयोग की जरूरत पड़ी, राज्य की जनता के भले की कीमत पर इन्होंने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2016 12:28 AM
जब से झारखंड सरकार ने स्थानीय नीति घोषित की है, ऐसा लगता है कि विभिन्न झारखंड नामधारी दलों से मुद्दा ही छिन गया है. उनकी ऐसी ही नीतियों के कारण जनता उनसे दूर होती जा रही है. जब भी झारखंड को इनके सहयोग की जरूरत पड़ी, राज्य की जनता के भले की कीमत पर इन्होंने व्यक्तिगत संपत्ति खड़ी कर ली. वे झारखंड को फिर से सुलगाने के प्रयास में हैं.
सभी नये राज्यों में राज्य गठन के तिथि को ही आधार वर्ष माना गया है, जबकि नयी स्थानीय नीति में यहां राज्य बनने के 15 वर्ष पहले को आधार वर्ष माना गया है जो मूलवासियों का हित सुरक्षित करता है. यदि ’64 या ’32 को आधार वर्ष माना जाता, तो सिर्फ कुछ लोगों को इसका फायदा होता और बाकी जनता को कुछ भी नहीं मिलता, जबकि वे पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं. इस नीति से करीब 80 प्रतिशत आबादी को लाभ होगा. लेकिन कुछ नेता लोगों को बहकाने में लगे हैं. जनता विवेक से काम ले.
नवीन कुमार सिन्हा, जमशेदपुर

Next Article

Exit mobile version