संतान जनें, बेटा-बेटी नहीं

26 जनवरी 2014 के ‘प्रभात खबर’ के आधी आबादी पृष्ठ पर ‘माताओं ने बेटी के लिए बदली परंपरा’ शीर्षक से छपी एक खबर पढ़ी. धन्य हैं देहरादून कि वे माताएं, जिन्होंने बेटियों के मान-सम्मान को बढ़ावा दिया तथा उनके लिए दीर्घायु होने की मन्नत मांगी! वैसी माताओं के लिए मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2014 4:00 AM

26 जनवरी 2014 के ‘प्रभात खबर’ के आधी आबादी पृष्ठ पर ‘माताओं ने बेटी के लिए बदली परंपरा’ शीर्षक से छपी एक खबर पढ़ी. धन्य हैं देहरादून कि वे माताएं, जिन्होंने बेटियों के मान-सम्मान को बढ़ावा दिया तथा उनके लिए दीर्घायु होने की मन्नत मांगी! वैसी माताओं के लिए मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि ईश्वर उन माताओं को दीर्घायु तथा धन एवं परिवार से परिपूर्ण रखें! जिन्होंने ऐसे नेक काम किये और समाज को समानता का मार्गदर्शन दिया.

इनके कामों तथा विचारों को समाज में पुरजोर तरीके से प्रचार-प्रसार करने की जरूरत है, ताकि इनसे प्रेरित होकर हमारे देश एवं विश्व की सभी महिलाएं इनका अनुसरण करते हुए इस बात का संकल्प लें कि हम बेटा-बेटी नहीं, बल्कि अपनी संतान को जन्म दें और उसे सभी अच्छे गुणों से संवार कर उत्तम विचारों से परिपूर्ण करें.

सरिता कुमारी, सैटेलाइट कॉलोनी, रांची

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