सरकार की अकर्मण्यता

पिछले कुछ दिनों से विभिन्न समाचार पत्रों में शिक्षक नियुक्ति से संबंधित समाचार पढ़ने को मिला. उससे यह जानकारी मिली कि गलत तरीके या गलत प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर नौकरी पानेवाले शिक्षकों पर सरकार द्वारा कार्रवाई की जा रही है. किंतु क्या सरकार का ध्यान 2008 में नियुक्त व्याख्याताओं पर है, जिनकी गलत नियुक्ति के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2016 5:55 AM
पिछले कुछ दिनों से विभिन्न समाचार पत्रों में शिक्षक नियुक्ति से संबंधित समाचार पढ़ने को मिला. उससे यह जानकारी मिली कि गलत तरीके या गलत प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर नौकरी पानेवाले शिक्षकों पर सरकार द्वारा कार्रवाई की जा रही है.
किंतु क्या सरकार का ध्यान 2008 में नियुक्त व्याख्याताओं पर है, जिनकी गलत नियुक्ति के सारे सबूत सीबीआइ के पास मौजूद हैं तथा जो शायद न्यायालय को सौंपे भी जा चुके हैं. इसके बावजूद न तो न्यायालय द्वारा या फिर सरकार द्वारा ही कोई निर्णायक निर्णय लिये जा रहे हैं या इसके पीछे यह कारण तो नहीं कि हर बार की तरह इस नियुक्ति में भी बड़े और रसूखवाले लोगों के रिश्तेदारों की नियुक्ति हुई है और उन्हें हटाने की हिम्मत हमारी तथाकथित ईमानदार सरकार के पास नहीं है.
संजीव सिन्हा, गिरिडीह

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