मोदी की विदेश नीति

जब से मोदी जी भारत के प्रधानमंत्री बने हैं, तब से विदेशों में भारत का रुतबा बढा है. चाहे वह संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सदस्यता का मामला हो या एनएसजी की सदस्यता का, हर तरफ मोदी जी अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं. वे सभी देशों को साथ ले कर स्थायी सदस्यता व एनएसजी की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 14, 2016 6:35 AM
जब से मोदी जी भारत के प्रधानमंत्री बने हैं, तब से विदेशों में भारत का रुतबा बढा है. चाहे वह संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सदस्यता का मामला हो या एनएसजी की सदस्यता का, हर तरफ मोदी जी अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं. वे सभी देशों को साथ ले कर स्थायी सदस्यता व एनएसजी की सदस्यता का हल निकालना चाह रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर आतंकवाद के खिलाफ सभी देशों को एकजुट करने में लगे हैं.
आतंकियों को मिलनेवाली सुविधाओं पर भी बैन लगाने का मुद्दा भी वह जोर-शोर से उठा रहे हैं.
हाल ही में भारत को एमटीसीआर की सदस्यता प्राप्त हुई है, जिसके द्वारा मिसाइल के दुरुपयोग पर भारत रोक लगा सकता है. हाल में चीन के हांगझोऊ शहर में संपन्न जी- 20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहली पंक्ति में स्थान मिला, जो दुनिया में भारत के रुतबे और ताकत को दिखाता है.
उज्ज्वल कुमार भास्कर, गोड्डा

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