हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के छात्र निदो तानिया की दिल्ली में हुई हत्या स्तब्ध करनेवाली है. हमें अपनी मानसिकता बदलनी होगी. इसी संदर्भ में प्रस्तुत है एक छोटी सी यह कविता-मुझे नहीं मालूम है कौन हैं अरुणाचल के मुख्यमंत्री/किसकी सरकार है मणिपुर और मिजोरम में/कौन सी नदियां बहती हैं मेघालय और त्रिपुरा में/नगालैंड का तो कुछ भी नहीं जानता//गुवाहाटी और गंगटोक जाकर ही जैसे नाप लिया पूरा उत्तर-पूर्व/सच में, बिलकुल भी नहीं जानता तुम्हारे प्रदेशों को, मुझे माफ कर देना निदो/क्या तुम्हारे प्रदेश को नहीं जानना, भारत को नहीं जानना है?//तुम्हारे कारण फिर याद आया तुम्हारा प्रदेश, धन्यवाद निदो//साथ रह कर भी नहीं देख पाया, नहीं मिल पाया/नहीं समझ पाया/आंखों के सामने ही हमेशा तुम्हारे साथ रहा अरुणाचल प्रदेश//
रितेश सराक, ई-मेल से