बेरोजगारी के दंश से कैसे उबरे भारत?

भारतीय युवा तनाव की जिंदगी जी रहे हैं. बढ़ती बेरोजगारी उनके आत्मविश्वास को तोड़ रही है, वहीं इससे पैदा मानसिक तनाव उनके युवा होने का एहसास खत्म कर रहा है. नरेंद्र मोदी सरकार से उन्हें काफी उम्मीदें थीं. सरकार के महत्वाकांक्षी अभियान मेक इन इंडिया को लेकर ऐसे कयास थे कि यह नौकरियां पैदा करेगी, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2016 6:24 AM
भारतीय युवा तनाव की जिंदगी जी रहे हैं. बढ़ती बेरोजगारी उनके आत्मविश्वास को तोड़ रही है, वहीं इससे पैदा मानसिक तनाव उनके युवा होने का एहसास खत्म कर रहा है.
नरेंद्र मोदी सरकार से उन्हें काफी उम्मीदें थीं. सरकार के महत्वाकांक्षी अभियान मेक इन इंडिया को लेकर ऐसे कयास थे कि यह नौकरियां पैदा करेगी, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. अर्थशास्त्रियों की मानें तो मेक इंडिया के तहत सरकार अत्याधुनिक हथियार का निर्माण करना चाहती है, जो इस वक्त संभव नहीं है क्योंकि हथियार बनाने के लिए हाइ-स्किल्ड लोगों की जरूरत है. भारत में इसकी कमी है. मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में सरकार को सबसे पहले कपड़ा निर्माण व खिलौने के निर्माण पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इससे आसानी से नौकरियां पैदा हो सकती हैं.
दूसरा महत्वपूर्ण कदम सरकार को समुद्री तटों पर व्यावसायिक पोर्ट का निर्माण करना चाहिए, पोर्ट के नजदीक सामानों की आवाजाही आसान होती है. छोटे शहरों में हवाई अड्डा, गांवों-कस्बों तक रेलवे स्टेशन बनाकर सरकार रोजगार की संभावना बढ़ा सकती है. यहीं नहीं, इस तरह के कदम महानगरों में बढ़ती आबादी के बोझ को नियंत्रण करने में मदद मिलेगा.
लक्ष्मी पूर्ति, एलपीयू, चंडीगढ़

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