बदलता परिवेश

आजकल समाज में हत्या, रेप व लूटपाट की घटनाएं हो रही हैं. दिनदहाड़े हत्या जैसे आपराधिक वारदात हो रहे हैं. कानून भी इन अपराधियों को कुछ नहीं कर रहा है. कानून को दावं-पेच से मात दे अपराधी जेल से बाहर निकल आते हैं. वहीं, समाज के सभी लोग पुराने परिवेश को छोड़ कर नये परिवेश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 19, 2016 6:24 AM

आजकल समाज में हत्या, रेप व लूटपाट की घटनाएं हो रही हैं. दिनदहाड़े हत्या जैसे आपराधिक वारदात हो रहे हैं. कानून भी इन अपराधियों को कुछ नहीं कर रहा है. कानून को दावं-पेच से मात दे अपराधी जेल से बाहर निकल आते हैं. वहीं, समाज के सभी लोग पुराने परिवेश को छोड़ कर नये परिवेश में जाना चाहते हैं, युवा अपनी परंपराओं को छोड़ कर नयी चीजों को अपना रहे हैं, नतीजा घृणित घटनाओं में इजाफा देखने को मिल रहा है.

फिल्मों में दिखाये गये दृश्य से भी युवाओं की मानसिकता में भटकाव देखने को मिल रहा है. फिल्मों में अश्लीलता हावी है, जिससे दर्शकों को अश्लील दृश्य देखने की आदत सी हो गयी है, जिसका समाज पर बुरा असर पड़ता जा रहा हैं. इसे रोकनेवाला कोई है?

उज्ज्वल कु भास्कर, अमरपुर, गोड्डा

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